Obc Reservatin In Gujarat: गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए पंचायत, नगरपालिका तथा नगर निगम जैसे स्थानीय निकायों में 27 प्रतिशत सीट आरक्षित करने वाला विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित किया.


गुजरात स्थानीय प्राधिकरण कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. वहीं, कांग्रेस के विधायक दल के नेता अमित चावडा समेत पार्टी के सभी 17 विधायकों ने अधिक आरक्षण की मांग करते हुए सदन से बहिर्गमन किया.


गुजरात में  ओबीसी आरक्षण 10 प्रतिशत था
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 29 अगस्त को उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस जावेरी की अगुवाई में गठित आयोग द्वारा सौंपी एक रिपोर्ट के आधार पर पंचायत, नगरपालिकाओं और नगर निगम जैसे स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी.


इससे पहले, गुजरात में स्थानीय निकाय में ओबीसी आरक्षण 10 प्रतिशत था.


विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार महज 27 प्रतिशत आरक्षण देकर ‘‘अन्याय’’ कर रही है, जबकि वह इससे अधिक आरक्षण दे सकती है. वहीं, क्रागेंस सदस्यों ने मांग करते हुए कहा कि राज्य के सभी स्थानीय निकायों पर लागू 27 प्रतिशत के एक समान अनुपात के बजाय, इन इकाइयों जैसा जिला पंचायत व नगर निगम, में ओबीसी आबादी के अनुपात में इकाई-वार आरक्षण घोषित किया जाना चाहिए.


चावड़ा ने क्या कहा?
बतादें कि, गुजरात के संसदीय और  विधायी मामलों के मंत्राी रूशिकेश पटेल ने विधानसभा में विधेयक पेश करते हुए उन्होने कहा कि, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति  के लिए अपरिवर्तित रहेगा और 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. कांग्रेस विधायक चावड़ा ने कहा, यदि इकाई-वार प्रणाली का पालन किया जाता है,तो इससे संबंधित ओबीसी आबादी में अंतर के कारण अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के लिए ओबीसी कोटा सूरत पंचायत से अलग ही होगा. विपक्षी क्रागेंस ने भी आयोग की रिपोर्ट को पेश करने की मांग करते हुए उन्होने ये दावा किया कि रिपोर्ट के निष्कर्षों और सिफारिशों को देखे बिना विधेयक पर चर्चा व्यर्थ है. 

आगे इस पूरी बहस के दौरान कांग्रेस विधायक चावड़ा ने कहा कि बीजेपी सरकार प्रत्येक इकाई में जनसख्या के आधार पर आरक्षण कोटा तय करने के सु्प्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर कही है. वहीं चावड़ा ने आरोप लगाते हुए बोले कि।"आपको एससी के निर्देशानुसार इकाई-वार आरक्षण देने की आवश्यकता है। आगे उन्होने कहा कि, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एएमसी में लगभग 40 प्रतिशत ओबीसी आबादी है। यदि हम एससी और एसटी की आबादी को 10 प्रतिशत पर रखते हैं, तो भी आप 40 प्रतिशत आरक्षित कर सकते हैं. ओबीसी के लिए प्रतिशत सीटें। इसके बजाय, सभी को एक समान कोटा देने के आपके निर्णय के कारण केवल 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।नहीं तो इससे ओबीसी का प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा.