Gujarat Assembly: गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के आह्वान की तुलना यूक्रेन-रूस संघर्ष में सायरन से की और कहा कि पीएम मोदी ने आगे के खतरों को भांप लिया था और कर्फ्यू लोगों को चेतावनी देने के लिए था. उन्होंने कहा कि आज 22 मार्च है जब नरेंद्रभाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. 


'पीएम मोदी भी उस वक़्त जेलेंस्की की तरह ही चिंतित थे'


पटेल ने बजटीय मांगों पर विधानसभा में बोलते हुए कहा कि वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध चल रहा है जहां यूक्रेन आने वाली समस्या के बारे में चेतावनी देने के लिए सायरन बजा रहा है. अपने नागरिकों को बमबारी या मिसाइल हमले के खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए आवाज उठाई जा रही है. यूक्रेन में सरकार और उसके राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की चिंतित हैं, तो हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्रभाई भी उस वक़्त ऐसे ही परेशान थे, जिन्हें आने वाले खतरे का अनुमान था.


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22 मार्च, 2020 को प्रधान मंत्री मोदी ने 14 घंटे के जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी और पीएम ने लोगों से दरवाजे, बालकनियों और खिड़कियों पर खड़े होने और पांच मिनट तक ताली या घंटी बजाकर आभार व्यक्त करने को भी कहा था.


गुजरात में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई


अपने भाषण के दौरान, पटेल ने यह भी दावा किया कि कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान गुजरात के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सरकार ने आवश्यक ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की थी और मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि गुजरात के किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई. कांग्रेस पार्टी केवल लोगों को गुमराह कर रही है, खासकर चुनावी वर्ष होने के कारण, साथ ही उन्होंने विपक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फरवरी 2020 में आयोजित "नमस्ते ट्रम्प" कार्यक्रम ने भारत में कोविड -19 फैलाया.


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