Gujarat Fake Visa Case: गुजरात पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने कनाडा जाने के इच्छुक लोगों को कथित तौर पर फर्जी वीजा जारी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में एक पहले भी जेल की सजा काट चुका है. एटीएस ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आरोपी के फर्म के जरिये उत्तरी अमेरिकी देश जाने के लिए आवेदन करने वाले पांच लोगों के वीजा आवदेन को कनाडा सरकार ने अस्वीकार कर दिया था. हालांकि,आरोपी ने पीड़ितों को फर्जी वीजा जारी कर धोखाधड़ी की और दावा किया कि उनके आवेदन को कनाडा की सरकार ने मंजूरी दे दी है.


कौन है गिरोह का सरगना?
एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना और अहमदाबाद में नरोदा का रहने वाला नीलेश पांड्या भी शामिल है. विज्ञप्ति के मुताबिक, एटीएस ने अन्य आरोपियों की पहचान जय त्रिवेदी, मयूर पचाल और पीयूष पटेल के तौर पर की है. एटीएस को हाल में सूचना मिली थी कि पांड्या ने अहमदाबाद शहर के नवा नरोदा इलाके में आव्रजन सेवा फर्म खोला है और विदेश जाने के इच्छुक लोगों को फर्जी वीजा जारी कर धोखाधड़ी कर रहे हैं.


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जांच में हुआ खुलासा
विज्ञप्ति के मुताबिक, खुफिया सूचना के आधार पर एटीएस ने 19 अक्टूबर को फर्म के कार्यालय पर छापेमारी की जहां पर पांच पासपोर्ट मिले जिनपर कनाडा का वीजा लगा था. पासपोर्ट को देखकर ऐसा लग रहा था कि पांच लोगों के वीजा को कनाडा के अधिकारियों ने मंजूरी दी है. विज्ञप्ति के मुताबिक, एटीएस के अधिकारियों ने जब दस्तावेज की सत्यता की जांच की तो पता चला कि इन पांच लोगों के आवेदन पहले ही अस्वीकार किए जा चुके हैं.


एटीएस ने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि पांड्या का आपराधिक इतिहास है और जाली भारतीय मुद्रा मामले में वर्ष 2005 में उसे गिरफ्तार किया गया था. विज्ञप्ति के मुताबिक, जाली मुद्रा मामले में वह पांच साल की सजा काट चुका है. एटीएस के मुताबिक, वर्ष 2012 में राजस्थान के वीजा घोटाले प्रकरण में भी पांड्या पर मामला दर्ज किया गया था और उसका संबंध भी अहमदाबाद से है.


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