Gujarat: गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 35 साल पहले पैरोल के दौरान फरार हुए हत्या के दोषी को राजकोट में गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एटीएस की एक टीम ने शुक्रवार को राजकोट जिले के जेतपुर से दोषी धीन्द्र धनानी को गिरफ्तार किया, जहां वह फर्जी पहचान के तहत रह रहा था.


क्या है पूरा मामला?


अधिकारी ने बताया कि धनानी को उसके भाई चंद्रकांत के साथ कालू पटेल की हत्या के आरोप में 1984 में गिरफ्तार किया गया था और दोनों के खिलाफ सूरत शहर के चौक बाजार पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था. अधिकारी ने बताया दोनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, और 1987 में उन्हें अपने छोटे भाई की हत्या के बाद पैरोल पर रिहा किया गया था, वे तब से फरार थे.


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अधिकारी ने आगे कहा कि धनानी अपने फरार भाई चंद्रकांत की तरह विदेश भागने के लिए मौके की तलाश में था.‘शुरुआती जांच से पता चला है कि पैरोल के दौरान फरार होने के बाद आरोपी अपने पैतृक गांव जेतपुर लौट आया और ग्रामीणों और रिश्तेदारों को बताया किया कि उसे उच्चतम न्यायालय ने रिहा कर दिया है.


राजस्थान भागकर नकली पहचान बनाई


उन्होंने कहा कि इसके बाद वह राजस्थान के जयपुर भाग गया, जहां उसने दलसुखभाई के रूप में नकली पहचान बनाई और कोविड-19 महामारी के दौरान अपने पैतृक गांव लौटने से पहले एक व्यापारी के रूप में काम किया. अधिकारी ने कहा कि गुजरात एटीएस के उप-निरीक्षक आर.बी. राणा को सूचना मिली कि धीरेंद्र जेतपुर में एक फर्जी पहचान के तहत रह रहा है, जिसके बाद अधिकारियों ने आरोपी का पता लगाने और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए तीन महीने तक काम किया.


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