Gujarat Drug Case: गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते ने वड़ोदरा शहर के बाहरी इलाके में एक निर्माण इकाई पर छापा मारा और भारी मात्रा में प्रतिबंधित मेफेड्रोन ड्रग और 478.65 करोड़ रुपये का कच्चा माल जब्त किया गया है. टीओआई में छपी खबर के मुताबिक एटीएस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि वड़ोदरा जिले के सिंधरोत गांव के निकट स्थित छोटी फैक्ट्री में मंगलवार रात छापेमारी के दौरान एटीएस ने मौके से पांच लोगों को गिरफ्तार किया. एटीएस ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी फैक्ट्री में पिछले 45 दिनों से मेफेड्रोन, जिसे एमडी ड्रग भी कहा जाता है, एक मादक पदार्थ बना रहा था.


छापेमारी में क्या-क्या बरामद?
छापेमारी के दौरान एटीएस ने 63.6 किलोग्राम मेफेड्रोन और 478.65 करोड़ रुपये मूल्य का 80.26 किलोग्राम कच्चा माल बरामद किया. इसमें कहा गया है कि दवा बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी को भी जब्त कर लिया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सौमिल पाठक, शैलेश कटारिया, विनोद निजामा, मोहम्मद शफी दीवान और भरत चावड़ा के रूप में हुई है.


ATS ने दी ये जानकारी
एटीएस ने कहा कि जांच से पता चला है कि वडोदरा निवासी सौमिल पाठक ने 'डार्क वेब' से मादक पदार्थ बनाने की प्रक्रिया सीखी थी और सिंधरोत के पास इकाई स्थापित करने के बाद अन्य लोगों को इसमें शामिल किया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि अभियुक्त कटारिया एक रसायन विज्ञान स्नातक, विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करके एमडी दवा का उत्पादन करने के लिए कारखाने में एक रसायनज्ञ के रूप में काम करता था, जबकि तीन अन्य अन्य रसद कार्यों को संभालते थे.


जांच में खुलासा हुआ कि मुंबई पुलिस ने 2017 में पाठक को ड्रग्स के साथ पकड़ा था और उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था. एटीएस की विज्ञप्ति में कहा गया है कि जेल में रहने के दौरान वह एक सलीम डोला के संपर्क में आया, जिसने पाठक को दवा निर्माण के बारे में मार्गदर्शन दिया और उसके लिए कच्चे माल की व्यवस्था भी की.


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