Gujarat Bank Strike: गुजरात में आने वाले हफ्ते में बैंक में हड़ताल रहेगा. एक अनुमान के मुताबिक 10,000 करोड़ रुपये के बैंक लेनदेन पूरे गुजरात में प्रभावित होने की उम्मीद है, क्योंकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को छोड़कर राज्य भर के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आने वाले सप्ताहांत (Weekend) में बंद रहेंगे. बंद महा गुजरात बैंक कर्मचारी संघ (एमजीबीईए) द्वारा राज्यव्यापी हड़ताल के आह्वान के जवाब में होगा. सार्वजनिक क्षेत्र के करीब 35,000 बैंक कर्मचारी इस सप्ताह 19 नवंबर यानी शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे. एमजीबीईए ने कहा कि बुनियादी बैंकिंग और एटीएम सेवाओं के दो दिनों में प्रभावित होने की उम्मीद है.


बैंक कर्मी किस बात का कर रहे विरोध
बैंककर्मी लंबे समय से अन्य अधूरी मांगों के अलावा बैंकों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. खास बात यह है कि भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे हैं. 19 नवंबर को तीसरा शनिवार है और बैंक नियमानुसार पहले और तीसरे शनिवार को खुले रहते हैं. हालांकि, हड़ताल के आह्वान के कारण इस सप्ताह के अंत तक बैंक बंद रहेंगे. केंद्र सरकार ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और बैंक यूनियनों को 16 नवंबर को चर्चा शुरू करने और 19 नवंबर को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल से बचने के लिए मुद्दों को सुलझाने का निर्देश दिया है. हालांकि, बैंक कर्मचारी अपनी हड़ताल के आह्वान पर अडिग हैं.


35,000 बैंक कर्मचारी लेंगे हड़ताल में हिस्सा
गुजरात में लगभग 35,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल का हिस्सा होंगे, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 3,608 बैंक शाखाओं का संचालन बाधित होगा. एसबीआई को छोड़कर सभी 12 राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे. एमजीबीईए के महासचिव जनक रावल ने कहा, "बैंक प्रबंधन के इन गैरकानूनी और अनुचित कार्यों का विरोध करने के लिए, और बैंकरों के अधिकारों पर कई हमलों के विरोध में, MGBEA ने हड़ताल का आह्वान किया है.


उन्होंने आगे कहा, वेतन संशोधन और औद्योगिक विवाद अधिनियम का उल्लंघन और कर्मचारियों का जबरन तबादला एक प्रमुख चिंता का विषय है. इसके अलावा, बैंकों के विलय और निजीकरण की बोली के कारण नए सिरे से भर्ती रुक गई है.” यहां तक ​​कि जहां श्रम अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया है, प्रबंधन ने उनकी सलाह की अनदेखी की है, औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित कर दिया है.


इसलिए यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है. सभी बैंक यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने हमारी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है और हड़ताल से एक दिन पहले इस सप्ताह शुक्रवार को पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे.


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