Gujarat: गुजरात के बल्लेबाज मनप्रीत जुनेजा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. घरेलू क्रिकेट में अपने शुरुआती वर्षों की तरह चोटों और गेंदबाजी आक्रमणों पर हावी होने में असमर्थता ने गुजरात के मध्य क्रम के बल्लेबाज मनप्रीत जुनेजा को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने के लिए मजबूर कर दिया. उनके घरेलू राज्य संघ जीसीए ने सोमवार को यह घोषणा की.


जीसीए ने बयान जारी कर यह कहा


जीसीए ने एक बयान जारी कर कहा, ‘गुजरात क्रिकेट संघ मनप्रीत जुनेजा को शानदार करियर के लिए बधाई देता है. इस बल्लेबाज ने 9 मार्च को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी. प्रथम श्रेणी की शुरुआत में दोहरा शतक (अहमदाबाद में तमिलनाडु के खिलाफ नाबाद 201) बनाने वाले केवल चौथे भारतीय बल्लेबाज, जुनेजा ने 2016-17 में गुजरात के एकमात्र रणजी ट्रॉफी जीतने वाले अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह 2015-16 में विजय हजारे ट्रॉफी जीतने वाले गुजरात टियर्स का भी हिस्सा थे.


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जुनेजा के मुताबिक  "मैं गेंदबाजी पर हावी नहीं हो पा रहा था जैसा कि मैं अपने पहले के वर्षों में कर रहा था. हाल की चोटों ने मेरी बल्लेबाजी में बाधा डाली. कलाई की चोट ने मुझे वास्तव में पीछे कर दिया. फिर कमर, हैमस्ट्रिंग, कंधे में चोटें आईं. लेकिन मैं अपने औसतन 45 में बाहर जाने पर खुश हूं.


शुरूआती वर्षों में काफी रन बनाए


उनके पूर्व कोच हितेश मजमुदार ने कहा, "जुनेजा ने मुंबई के खिलाफ रणजी फाइनल में दो महत्वपूर्ण पारियां खेलीं. उन्होंने अपने करियर की शानदार शुरुआत की, अपने शुरुआती दो-तीन वर्षों में काफी रन बनाए. फिर उनका खेल थोड़ा कम हो गया. यह बदक़िस्मती है कि वह भारत के लिए नहीं खेले, लेकिन वह हमें कई पलों को संजोने के लिए छोड़ देते है.''


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