Gujarat News: बोर्ड एग्जाम देने आईं छात्राओं के उतारे गए हिजाब, प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई
Gujarat News: एक अभिभावक ने आरोप लगाया कि स्कूल की प्राचार्या और अन्य कर्मियों ने एग्जाम शुरू होने से पहले उनकी बेटी समेत कई छात्राओं को हिजाब उतारने के लिए कहा. बेटी घर आने के बाद तीन घंटे तक रोई.
Gujarat Hijab Case: गुजरात के एक स्कूल में दसवीं क्लास के एग्जाम दे रही छात्राओं में से कुछ के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र की प्रभारी ने उनकी बच्चियों को हिजाब उतारने के लिए मजबूर किया. इस आरोप के बाद शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूल अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है.
अभिभावकों के मुताबिक, भरुच जिले के अंकलेश्वर में निजी ‘लायंस स्कूल’ में बुधवार को मैथ का एग्जाम शुरू होने से पहले यह घटना घटी. हिजाब उतारे जाने के आरोप के बाद राज्य के शिक्षा विभाग ने गुरुवार 13 मार्च को परीक्षा केंद्र की प्रशासक इलाबेन सुरतिया को हटाने का आदेश दिया. सुरतिया उस विद्यालय की प्रिंसिपल भी हैं.
स्टूडेंट के कपड़ों को लेकर कोई नियम न होने की बात
अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित छात्राओं के अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी स्वाति रावल से भेंट की, जिसके बाद उन्होंने (रावल ने) परीक्षा केंद्र प्रशासक के खिलाफ कार्रवाई की. गुजरात माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीएसएचएसईबी) ने स्पष्ट किया कि परीक्षार्थियों के कपड़े को लेकर कोई विशिष्ट नियम नहीं है तथा वे किसी भी ‘शालीन’ परिधान में परीक्षा दे सकते हैं. बोर्ड ही 10वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित करता है.
एक अभिभावक ने कहा, ‘स्कूल की प्राचार्या और अन्य कर्मियों ने परीक्षा शुरू होने से पहले मेरी बेटी समेत कई छात्राओं को हिजाब उतारने के लिए कहा. मेरी बेटी घर लौटने के बाद तीन घंटे तक रोई. कल ऐसा कम से कम 12 लड़कियों के साथ हुआ. हम चाहते हैं कि प्रशासन इस हरकत में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे.’
हिजाब उतरवाने का सीसीटीवी फुटेज हुआ था वायरल
बोर्ड ने ‘लायंस स्कूल’ को अपने एक परीक्षा केंद्र के रूप में चुना था. नियमों के मुताबिक, जिन कक्षाओं में विद्यार्थी परीक्षा देते हैं, उन कमरों की सीसीटीवी रिकार्डिंग जरूरी है. अभिभावकों के अनुसार, उन्हें एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है जिसमें नजर आ रहा है कि कुछ महिला पर्यवेक्षक दो मुस्लिम छात्राओं से हिजाब उतारने को कह रही हैं. इस फुटेज में महिला पर्यवेक्षक को हिजाब ले जाते हुए देखा जा सकता है.
अभिभावकों का कहना है कि जब उन्होंने इस संबंध में परीक्षा केंद्र प्रशासक से बात की तो उनका कहना था कि उन्होंने लड़कियों से हिजाब उतारने को इसलिए कहा, क्योंकि उनके चेहरे वीडियो रिकार्डिंग में स्पष्ट नहीं दिख रहे थे. सुरतिया ने कहा, ‘नियमों के अनुसार सभी विद्यार्थियों के चेहरे वीडियो रिकॉर्डिंग में स्पष्ट नजर आने चाहिए. यही कारण है कि हमने लड़कियों से परीक्षा शुरू होने से पहले हिजाब उतारने को कहा, ताकि परीक्षा के दौरान हमें उन्हें परेशान न करना पड़े तथा अन्य परीक्षार्थी भी परेशान न हो.'
जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रशासक को हटाया
अभिभावकों की मुलाकात के बाद रावल ने सुरतिया को परीक्षा केंद्र प्रशासक के पद से हटाने का और इस घटना की जांच का आदेश दिया. उन्होंने कहा, ‘मैंने सीसीटीवी फुटेज देखा है और अभिभावकों ने इस संबंध में मुझे आवेदन भी दिया है. मैंने इस घटना की जांच का आदेश दिया है और परीक्षा केंद्र प्रशासक को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि मुझे शिकायत में दम लगा. परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी के कपड़े को लेकर बोर्ड से कोई स्पष्ट निर्देश या दिशानिर्देश नहीं है.’
बोर्ड के परीक्षा निदेशक एमके रावल ने कहा कि विद्यार्थी किसी भी शालीन परिधान में परीक्षा दे सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के कपड़े को लेकर कोई स्पष्ट नियम नहीं है. विद्यार्थी शालीन परिधान पहन सकते हैं. कोई महिला पर्यवेक्षक परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रा की पहचान उसके प्रवेश पत्र के फोटो और उसके चेहरे के बीच मिलान करके कर सकती है.’
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