Gujarat Maldhari Mahapanchayat: गुजरात के गांधीनगर में सैकड़ों पशुपालकों में 'महापंचायत' की है. सभी पशुपालकों की मांग है कि छुट्टा पशुओं पर विधेयक को निरस्त किया जाये. गुजरात में गांधीनगर के समीप सैकड़ों पशुपालकों ने ‘महापंचायत’ करते हुए शहरों में छुट्टा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए राज्य विधानसभा द्वारा पारित एक विधेयक को निरस्त करने की मांग की.पशुपालकों के एक प्रतिनिधि ने राजधानी गांधीनगर के समीप शेर्था गांव में रविवार को हुई महापंचायत के बाद सोमवार को कहा कि इस विधेयक के प्रावधान मालधारी समुदाय के खिलाफ हैं. गुजरात मालधारी महापंचायत के प्रवक्ता नागजीभाई देसाई ने दावा किया कि महापंचायत में समुदाय के 50,000 से अधिक सदस्य शामिल हुए.


इस साल पारित किया गया है विधेयक
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा ने इस साल अप्रैल में शहरी इलाकों में गुजरात मवेशी नियंत्रण विधेयक पारित किया था, जिसमें पशुपालकों को शहरों में ऐसे पशुओं को रखने के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है. लाइसेंस न लेने पर उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है. इस विधेयक के खिलाफ मालधारी समुदाय के प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने अप्रैल में कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है क्योंकि नगर निगम इलाकों में मवेशियों की समस्या से निपटने के लिए मौजूदा नियम ही पर्याप्त हैं तथा कोई नए कानून की आवश्यकता नहीं है.


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क्या बोले जीतू वघानी?
गुजरात सरकार के प्रवक्ता जीतू वघानी ने भी बाद में घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री पटेल ने यह विधेयक लागू न करने का फैसला किया है. बहरहाल, अब मालधारी समुदाय के सदस्य चाहते हैं कि सरकार 21 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान इस विधेयक को स्थायी रूप से निरस्त कर दें. देसाई ने कहा कि वे विधायक वापस लिए जाने तक प्रदर्शन करते रहेंगे.


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