Gujarat News: सीबीआई कोर्ट ने शनिवार (21 दिसंबर) को अहमदाबाद के नरोदा रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के पूर्व ब्रांच मैनेजर सहित 15 लोगों को 1.62 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में 15.35 लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन से पांच साल की कैद की सजा सुनाई है. सीबीआई ने 11 सितंबर, 2001 को आरोपियों के खिलाफ तत्काल मामला दर्ज किया था.
इनपर आरोप लगाया गया था कि अहमदाबाद के नरोदा रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर बीजे जाला ने अन्य सभी आरोपियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी. व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ सार्वजनिक आवास वित्त के मामले में एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया. जाली और झूठे आधार पर 1.62 करोड़ रुपये के होम लोन को मंजूरी देकर धोखा दिया.
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, बीजी जाला ने अहमदाबाद के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के रूप में आपराधिक साजिश के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से उक्त उधारकर्ताओं की लोन पात्रता की पुष्टि नहीं की. उन्होंने एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके उधारकर्ताओं को होम लोन स्वीकृत किया.
वहीं जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने दोषी लोगों सहित आरोपियों के खिलाफ नौ अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए. नौ विशेष मामलों में से पांच में फैसला सुनाया जा चुका है. इनमें से नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप हटा दिए गए, क्योंकि उनकी सजा मुकदमे के दौरान ही समाप्त हो गई थी. वहीं सुनवाई के बाद सीबीआई मामलों के विशेष जज कोर्ट नंबर 1 इलाहाबाद ने स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र अहमदाबाद के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर बेचरभाई गणेशभाई जाला और 14 निजी व्यक्तियों समेत 15 आरोपियों को सजा सुनाई है.
इसमें मुकेश नटवर ब्रह्मभट्ट, अमित अजीत व्यास, राजेंद्र नटवरलाल ब्रह्मभट्ट, चेतन जगदीश भट्ट, करण विक्रम महिदा, राजेश अरविंद पटेल, महेश मुरलीधर सबनानी, चिन्मय गिरीशचंद्र त्रिवेदी, जयेश श्यामलाल असवानी, रजनीकांत छोटेलाल उपाध्याय, नीलेश सुरेशचंद्र शाह, विमल के मेहता और हेमेंद्र एल शाह के नाम शामिल हैं.