Central Bureau of Investigation: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को ‘स्टार्च’ निर्माता कंपनी अनिल लिमिटेड से जुड़े लोगों के अहमदाबाद और पुणे स्थित परिसरों में छापेमारी की. इसके पहले जांच एजेंसी ने सात जुलाई को बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर अहमदाबाद स्थित कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी के अनुसार कंपनी और इसके सात निदेशकों ने कथित रूप से बैंकों के समूह (कंसोर्टियम ऑफ बैंक) और आईएफसीआई को ठगी करके 710.85 करोड़ रुपये का चूना लगाया.


सीबीआई ने कही ये बात
दिन में सीबीआई की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक छापेमारी की कार्रवाई अहमदबाद और पुणे में कुल सात ठिकानों पर की गई और इस दौरान दोष साबित करने योग्य कई दस्तावेज, वस्तुएं , संपत्तियों के दस्तावेज और 38 लाख रुपये नकद बरामद किये गये. प्राथमिकी में अमोल श्रीपाल सेठ, कमलभाई आर सेठ, अनीश के शाह, इंदिरा जे पारिख, दीपाल पालकीवाला, अनुराग कोठावाला, शशिन ए देसाई और अज्ञात लोक सेवकों के नाम हैं.


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क्या है पूरा मामला?
शिकायत के अनुसार कंपनी ने असंशोधित स्टार्च, मूल मक्का स्टार्च से बना संशोधित स्टार्च, तरल ग्लूकोज, डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट आदि उत्पादों का उत्पादन किया. सीबीआई ने कहा कि वर्ष 2014 में पिछली स्वीकृत सीमा के अनुसार कंपनी बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह की ओर से उपलब्ध कराए गए 753.70 करोड़ रुपये की कुल क्रेडिट सीमा की सुविधा प्राप्त कर रही थी. सीबीआई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी ने आईएफसीआई जैसे कंसोर्टियम के बाहर के वित्तीय संस्थानों से भी ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया, जिसका 113.34 करोड़ रुपये बकाया है.


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