Gujarat Chandipura Virus Update: गुजरात में चांदीपुरा वायरस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. संक्रमण बढ़ने से देश की स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. पिछले 16 जुलाई 2024 तक चांदीपुरा वायरस से 8 मरीजों की मौत हो गई थी और आज यानी 17 जुलाई को गोधरा में 1, गांधीनगर में 2 और मेहसाणा में 1 बच्चे की मौत हो गई, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है. साथ ही अब तक कुल 29 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं
वहीं, राजस्थान में दो मामले हैं और 1 बच्चे की मौत हो गई है. मध्य प्रदेश के बच्चे की हालत स्थिर है. इस तरह 17 जुलाई की दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य में 4 बच्चों की मौत हो गई है.
15 महीने की बच्ची की गई जान
गांधीनगर में 15 महीने की बच्ची संदिग्ध वायरस से संक्रमित थी, जिसकी गांधीनगर सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है और बच्ची का सैंपल पुणे भेजा गया है.
कई सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए
आज गोधरा की एक 4 साल की बच्ची ने वडोदरा एसएसजी अस्पताल में आखिरी सांस ली. सूत्रों के मुताबिक, वडोदरा के सर सयाजी राव जनरल (एसएसजी) अस्पताल के बाल चिकित्सा विभाग में पिछले 15 दिनों में कई मामले सामने आए हैं, जिनमें से अब तक 7 नमूने पुणे लैब में भेजे गए हैं. ये सब संदिग्ध हैं.
फिलहाल चार मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से दो को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि 2 बच्चों का आईसीयू में इलाज चल रहा है. इन मामलों में डायरिया, उल्टी, ऐंठन और बुखार, बेहोशी के मरीजों के सैंपल भेजे गए हैं. इन मामलों में चांदीपुरा वायरस मौजूद है या नहीं, यह सैंपल रिपोर्ट के बाद पता चलेगा.
इस इलाज के दौरान दो मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ये मौतें चांदीपुरा वायरस के कारण हुईं और जो सैंपल भेजे गए थे उनकी रिपोर्ट नहीं आई है. इस रिपोर्ट के आने के बाद पक्का पता चल जाएगा कि इस वायरस से मौतें हुई हैं या नहीं.
कई मरीजों की हालत बिगड़ने पर दूसरे अस्पताल में किया गया रेफर
पंचमहल जिले के गोधरा तालुका के कोटडा गांव में एक चार साल की बच्ची में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और विभिन्न स्वास्थ्य विभागों की एक टीम द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया. उस समय, गोधरा तालुका के कोटडा गांव में एक चार वर्षीय लड़की को बुखार, दस्त, उल्टी और ऐंठन के कारण तुरंत गोधरा सिविल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था.
अहमदाबाद सिविल में आज मेहसाणा और गांधीनगर के दहेगाम तालुका के अमराजी मुवाड़ा गांव के एक बच्चे की मौत हो गई है. वहीं अहमदाबाद में शहर के मध्य में स्थित अंबावाड़ी और चांदलोडिया इलाकों में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध मामले सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक, अंबावाड़ी इलाके में चूनाभट्टी इलाके में मामला सामने आया है.
वहीं दूसरा मामला चांदलोडिया इलाके में सामने आया है. दोनों बच्चों का फिलहाल सिविल अस्पताल के 1200 बिस्तरों वाले महिला एवं बाल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इसके अलावा राज्य के विभिन्न शहरों और गांवों के चार अन्य बाल रोगियों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि, सभी बच्चों की स्थिति के बारे में फिलहाल अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है. लेकिन सिविल अस्पताल के मुताबिक सभी संदिग्ध बच्चों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं.
रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा मौत का कारण
मेहसाणा जिले के खेरालु तालुका के वरेठा गांव के एक साल के बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर उसे वडनगर सिविल लाया गया, जहां उसे तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया क्योंकि उसे वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की जरूरत थी, जहां कल ब्लड सैंपल लिया गया और पुणे भेजा गया. लेकिन कल रात 12 बजकर 5 मिनट पर वरेथा के इस एक साल के बच्चे की इलाज के दौरान संदिग्ध मौत हो गई. हालांकि, उसके चांदीपुरा सैंपल के नतीजे अभी नहीं आए हैं, इसलिए रिपोर्ट के बाद बच्चे की मौत का कारण पता चलेगा.
देहगाम तालुक के अमरजी के मुवाडा गांव के सात वर्षीय बच्चे को बुखार, ऐंठन और मस्तिष्क बुखार पाया गया. उन्हें गहन उपचार के लिए अहमदाबाद सिविल में भर्ती कराया गया था. आज शाम इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. जिसके कारण देहगाम स्वास्थ्य प्रणाली ने तालुका क्षेत्र के बाल रोग विशेषज्ञों को भी निर्देश दिया है कि यदि चांदीपुरा वायरस का कोई भी संदिग्ध बच्चा रोगी पाया जाता है तो तुरंत रिपोर्ट करें.
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने चांदीपुरा वायरस के बारे में कहा कि रेत मक्खी से होने वाली चांदीपुरा की बीमारी के सैंपल पुणे भेजे गए हैं. अब हम इसे संदिग्ध मानते हैं. फिलहाल इसके लक्षण मिले हैं. इसकी पुष्टि रिपोर्ट आने के बाद होगी, लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ हमें चांदीपुरा में पाई जाने वाली बीमारी के बारे में बता रहे हैं. इस प्रकार की बीमारी मध्य गुजरात में अधिक पाई जाती है. ये मक्खियाँ और कीड़े मिट्टी और प्लास्टर से बने घरों की दरारों के अंदर रहते हैं. आगे लगभग 4500 से 4600 घरों में इसकी आपूर्ति, कीटनाशकों का छिड़काव आदि का कार्य किया गया है. इस बीमारी के लिए लगभग 44000 लोगों की जांच की गई है.
गोधरा तालुका के कोटडा गांव में रहने वाली चार साल की बच्ची की मौत संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण हुई है, यह रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा, ऐसा पंचमहल जिले के स्वास्थ्य विभाग ने कहा था.
साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध आठ बच्चों के मामले इलाज के लिए आए, जिनमें से 6 बच्चों की मौत हो गई और दो बच्चों का इलाज चल रहा है. फिर सिविल अस्पताल की ओर से सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए, जिसकी रिपोर्ट आज शाम आई है. चार में से एक पॉजिटिव और तीन निगेटिव रिपोर्ट आई हैं. वहीं अब बाकी रिपोर्ट का इंतजार है.
अरवल्ली जिले के भिलोडा तालुका के मोटा कंथारिया गांव की एक 6 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है यानी 6 साल की बच्ची की चांदीपुरा वायरस से मौत हो गई है.