Gujarat News: खंभात से कांग्रेस (Congress) विधायक चिराग पटेल (Chirag Patel) ने मंगलवार को विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं और साथ ही प्रदेश इकाई में गुटबाजी का आरोप लगाया है. चिराट पटेल ने कहा कि ‘केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पार्टी को दिल्ली से ऐसे चलाया जा रहा है जैसे कि वे एयर कंडीशंड बंगलों में बैठकर कोई रियासत चला रहे हैं. चिराग पटेल ने विधानसभा स्पीकर शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कई वजहें जिस वह से उन्होंने इस्तीफा दिया है. आइए जानते हैं कौन हैं चिराग पटेल...
खंभात से बीजेपी विधायक को दी थी मात
चिराग पटेल ने 2022 के चुनाव में खंभात सीट पर बीजेपी के सीटिंग विधायक को हराया था और वह पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. उन्होंने लगभग 3200 वोटों से महेश रावल को हराया था. चूंकि पटेल ने इस्तीफा दे दिया है तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर अब 16 हो गई है. इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में पटेल ने कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है पार्टी के कुछ और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं.
रियासत की तरह पार्टी चला रहा केंद्रीय नेतृत्व - चिराग
पटेल ने कहा, ‘‘मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है. मेरी तरह कई विधायक नाखुश हैं क्योंकि उन्हें पार्टी में घुटन महसूस होती है. कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है और पार्टी के स्थानीय मामलों का फैसला भी केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीधे दिल्ली से लिया जाता है जैसे कि वे एयर कंडीशनर वाले बंगलों में बैठकर कोई रियासत चला रहे हों.'' चिराग पटेल ने कहा कि कांग्रेस हीरो से जीरो बन गई है. उन्होंने बीजेपी में जाने की अटकलों से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन यह जरूर कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर पूरे हिंदू समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है जबकि कांग्रेस नेताओं ने मंदिर निर्माण के पक्ष में एक भी शब्द नहीं कहा है.
कांग्रेस के नेताओं का नहीं है सकारात्मक दृष्टिकोण- चिराग
कई वजह है जिस वजह से इस्तीफा दिया है. पार्टी की मानसिकता राष्ट्र के विरोध में है. देश विश्व की दूसरा महाशक्ति बनने जा रही है. देश में विकास हो रहा है. सब समाज के लिए काम हो रहा है. जब देश काम कर रहा है तो कांग्रेस के कोई भी लीडर सकारात्मक अप्रोच वाले नहीं हैं. इनका केवल एक ही काम है कि सुबह से लेकर शाम तक जो भी सत्ताधारी पार्टी है उसका विरोध करना.''
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