Gujarat Board: दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा प्रणाली को खत्म करने की सिरफारिश, गुजरात सरकार उठा सकती है ये बड़ा कदम
Gujarat Board: गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाने के लिए एक प्रैक्टिस शुरू की है जो दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा प्रणाली को खत्म करने की सिफारिश करता है.जानिए
Gujarat Board: अगले शैक्षणिक वर्ष में राज्य में दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा समाप्त की जा सकती है. गुजरात सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को अपनाने के लिए एक अभ्यास शुरू किया है, जो दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा प्रणाली को खत्म करने की सिफारिश करता है. ऐसा माना जा रहा है कि इससे बोर्ड परीक्षाओं के बोझ को कम किया जा सकता है. अभी छात्रों को दसवीं और बारहवीं कक्षा में बोर्ड्स का सामना करना पड़ता है.
दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को समाप्त करने की परिकल्पना
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने एनईपी को लागू करने के बारे में विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. इसमें दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को समाप्त करने की परिकल्पना की गई है.
पीएम मोदी का गृह राज्य होने के नाते, गुजरात नए एनईपी को लागू करने में सबसे आगे रहना चाहता है. इससे उन छात्रों पर बोझ काफी कम हो जाएगा, जिन्हें वर्तमान में दो साल की अवधि में दो बोर्ड परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है.
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नई एनईपी में 5 + 3 + 3 + 3 का फॉर्मुला
मौजूदा 10 + 2 प्रणाली (माध्यमिक के 10 वर्ष और उच्चतर माध्यमिक के दो वर्ष) के बजाय, नई एनईपी में 5 + 3 + 3 + 3 संरचना की परिकल्पना की गई है.
एनईपी 2020 के अनुसार, पहले पांच वर्षों को मूलभूत माना जाएगा और इसमें नर्सरी से कक्षा 2 तक शामिल होगी. अगले तीन वर्ष - कक्षा 3 से 5 तक प्रारंभिक होंगे. फिर अगले तीन वर्ष - कक्षा 6 से 8 - मध्य होंगे और अंतिम चार कक्षा 9वीं से 12वीं माध्यमिक होंगी.एनईपी में कहा गया है कि कम से कम 4 वर्ष के बच्चों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश दिया जाना चाहिए. इसका मतलब यह होगा कि बारहवीं कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की आयु 18 वर्ष होगी.