Gujarat Covid Deaths: सुप्रीम कोर्ट की दस्तक के बाद क्या गुजरात में कोविड की मौतों की गिनती का तरीका बदल गया है? राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में ज्यादा बदलाव न होने का संकेत दिया है. शहरों और जिलों में 'कोविड डेथ ऑडिट कमेटी' अभी भी एक्टिव है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितने मरीजों में कॉमरेडिटी थी और कितने हाई रिस्क कैटेगरी में थे.


यहां जाता है डेटा


शहर के एक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक  "सभी अस्पताल शहर या जिला स्तर पर केंद्रीय समितियों को डेटा भेजते हैं. संख्याओं की पुष्टि के बाद, ये समितियां उन्हें राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भेजती हैं." भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की शर्तों पर आधारित पहली मौत के बाद मौतों की गिनती पर कोई नया नोटिफिकेशन नहीं है.


ज्यादा पारदर्शी हो मेथड 


2020 में जारी की गयी गाइडलाइन्स में बुनियादी कारण को समझने के लिए कोविड की मौतों को रिकॉर्ड करने की विधि निर्धारित की गई थी. गुजरात में पिछले साल अप्रैल और मई में 5,314 ऑफिसियल मौतें दर्ज की गईं, जो 10,614 की ऑफिसियल संख्या का आधा हिस्सा है जनवरी से शुरू होने वाली 'तीसरी लहर' में, राज्य में अब तक 470 मौतें दर्ज की गई हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सही और निष्पक्ष तस्वीर देने के लिए यह मेथड अधिक पारदर्शी होना चाहिए.


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