Gujarat Assembly Election: अहमदाबाद, नौ अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परेश धानाणी ने रविवार को कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के ताल ठोकने से बीजेपी के पारंपरिक शहरी और अर्ध शहरी मतों में सेंध लगेगी और इसका फायदा अंतत: कांग्रेस पार्टी को होगा. धानाणी ने दावा किया कि ‘आप’ का आधार ग्रामीण क्षेत्र में नहीं है और वह बीजेपी को 66 शहरी और अर्ध शहरी विधानसभा सीट पर चुनौती देगी, जिनपर कांग्रेस गत 30 साल में जीत दर्ज नहीं कर सकी है. उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर चरम पर है और लोग बीजेपी के ‘कुशासन’ से थक चुके हैं.


इस साल के अंत में हैं चुनाव
गौरतलब है कि 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं और राज्य में बीजेपी, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. धानाणी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आप और अरविंद केजरीवाल के रूप में गुजरात की राजनीति में तीसरी शक्ति के प्रवेश से कांग्रेस को सबसे अधिक फायदा होगा. हम पिछले 27 साल से गुजरात में हार का सामना कर रहे हैं, क्योंकि राज्य की 66 शहरी और अर्ध शहरी सीट पर जीत हासिल करने में असफल रहे. गत 30 साल में हम इन 66 सीट में से केवल एक राजकोट की सीट दो बार जीतने में सफल रहे.’’


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धानाणी ने किया ये दावा
विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष धानाणी ने कहा, ‘‘शहरी क्षेत्रों में सीधा मुकाबला बीजेपी और आप में होगा क्योंकि कांग्रेस विगत वर्षों में इन सीट पर जीतने में असफल रही है. इस मुकाबले का कांग्रेस पर सबसे कम प्रभाव पड़ेगा.’’ धानाणी (46) ने दावा किया कि चुनाव में शहरी सीट दो पार्टियों में बंटेंगी और कांग्रेस को इस विभाजन से अंतत: लाभ होगा. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में सूरत नगर निगम के पिछले चुनाव का हवाला दिया, जहां ‘आप’ ने 27 सीट पर जीत दर्ज की थी.


क्या बोले धानाणी?
उन्होंने कहा, ‘‘ये 27 सीट कभी कांग्रेस के पास नहीं रही. बीजेपी इन सीट पर आप से हारी और कांग्रेस पर इसका बहुत कम असर हुआ. आने वाले चुनाव में भी यही स्थिति होगी.’’ अमरेली से तीन बार के विधायक धानाणी ने कहा, ‘‘अगर ‘आप’ गुजरात की शहरी सीट को जीत जाती है, तो सत्तारूढ़ बीजेपी नुकसान में रहेगी और कांग्रेस की संभावनाओं पर इसका असर नहीं होगा.’’ उन्होंने कहा कि ‘आप’ और केजरीवाल का ग्रामीण क्षेत्रों में आधार नहीं है और पिछली बार की तरह इस बार भी ग्रामीण मतदाता कांग्रेस के साथ बने रहेंगे. आप ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस के मतदाताओं को अपने पाले में नहीं कर सकेगी.


धानाणी ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने वर्ष 2017 के चुनाव में ग्रामीण सीट जीती थीं. हमें 78 सीट मिली थी, जिनमें से कुछ को छोड़कर बाकी ग्रामीण क्षेत्रों की थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए धानाणी ने कहा कि गत 27 साल से बीजेपी राज्य की सत्ता में है और आठ साल से केंद्र में उसकी सरकार है, इसलिये लोगों की परेशानी के लिए वह कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती है.


कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी केजरीवाल के प्रति शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने दोबारा मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल के आने से एक बात स्पष्ट है कि हिंदुत्व के बजाय शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, महंगाई, सड़क और अन्य मुद्दे शहरी मतदाताओं के सामने प्रमुखता से आए हैं.’’ धानाणी ने दावा किया कि कांग्रेस ने भी यही मुद्दे उठाए थे, लेकिन उनकी पार्टी के खिलाफ फैलाए गए झूठ की वजह से विशेष तौर पर शहरी मतदाताओें ने उसपर विश्वास नहीं किया.


गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 99 सीट हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थी. बीजेपी ने अधिकतर शहरी क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया था.


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