Gujarat News: साबरमती नदी की सफाई को लेकर कांग्रेस सांसद का बड़ा आरोप, मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिया ये जवाब
Sabarmati River: साबरमती नदी की सफाई को लेकर कांग्रेस सांसद ने शक्तिसिंह गोहिल ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. राज्यसभा में मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसी सवाल का जवाब देते हुए जानकारी दी है.
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Sabarmati River Cleaning: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले तीन वर्षों में गुजरात में साबरमती नदी की सफाई पर 282.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने कहा, कुल खर्च का लगभग 64 फीसदी या 179.4 करोड़ रुपये का काम पहले ही पूरा हो चुका है. बाद में, गोहिल ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि साबरमती नदी प्रदूषित बनी हुई है और पैसा खर्च करने के बावजूद अहमदाबाद शहर में बाढ़ आ गई है.
कांग्रेस सांसद ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, “कागज पर दिखाए गए खर्च और वास्तविकता पूरी तरह से विरोधाभासी हैं. अगर पैसा खर्च किया गया होता तो नदी अब तक साफ हो जाती और अहमदाबाद में मानसून के दौरान जो बाढ़ आती है, वह नहीं होती.” गुजरात उच्च न्यायालय ने साबरमती में प्रदूषण के मामले को स्वत: संज्ञान में लिया है. हाल ही में उन्होंने कहा, “यह सामने आया है कि उद्योगपति साबरमती नदी में अनुपचारित पानी छोड़ते हैं और इसी तरह शहर से सीवेज भी नदी में पहुंचता है.”
ये योजना हुई पूरी
साबरमती नदी पर पूर्ण किए गए कार्यों में से सबसे बड़ा 151 करोड़ रुपये की लागत से पिराना में 155 एमएलडी (प्रति दिन मिलियन लीटर) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण है. राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत परियोजना के लिए धन केंद्र और अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा 60:40 के अनुपात में साझा किया गया था.
25 एमएलडी की क्षमता वाला एक अन्य एसटीपी भी शंकरभुवन, शाहपुर के पास 27.5 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया. कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन के तहत इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकारों और एएमसी द्वारा वित्त पोषित किया गया था. डफनाला बेहरामपुरा और हंसोल में स्टॉर्मवॉटर आउटलेट के गेट लगाने की तीसरी परियोजना भी पूरी हो चुकी है.
अन्य परियोजनाओं में अभी भी काम अधूरा
जिन कार्यों में प्रगति हो रही है उनमें साबरमती नदी से "तैरते और हरे कचरे" की सफाई शामिल है, जहां एएमसी ने पिछले तीन वर्षों में पहले ही 4.81 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जिन अन्य परियोजनाओं में अभी भी काम अधूरा है, उनमें कोटरपुर के पास एक 60 एमएलडी एसटीपी अनुमानित 103 करोड़ रुपये और दानिलिमदा में 30 एमएलडी कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट शामिल है, जिसकी कीमत 112.75 करोड़ रुपये है.
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