Gujarat: फॉरेंसिक को बीफ का सैंपल नहीं भेज पाई पुलिस, गवाह भी मुकरे, 5 आरोपी बरी
Gujarat News: गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस का अनोखा कारनामा सामने आया है. पुलिस ने पांच लोगों पर बीफ बेचने का आरोप तो लगाया, लेकिन उन्होंने सैंपल को जांच के लिए ही नहीं भेजे.
Gujarat Latest News: अहमदाबाद में पांच लोगों पर गाय की हत्या और बीफ बेचने का आरोप लगा था. हालांकि, सबूत के अभाव में इन सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. यह फैसला तब आया जब यह पाया गया कि जांचकर्ताओं ने कथित बीफ का सैपल फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) में नहीं भेजा था जो कि गुजरात एनिमल प्रिजर्वेश रूल के अंतर्गत अनिवार्य है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आशिक अली कुरैशी को 2 जुलाई 2019 को जुहापुरा इलाके में गिरफ्तार किया गया था. उसपर ऑटोरिक्शा से 150 किलोग्राम बीफ ले जाने के आरोप लगे थे. जांच में पता चला कि इस मामले में इकबाल सिपाई, फरहान सिपाई, रिजवान कुरैशी और फारूक शेख नाम का शख्स भी शामिल है जो कि कथित रूप से बीफ बेचने की प्लानिंग कर रहे थे. मीट इसी उद्देश्य से ऑटो से ले जाया जा रहा था.
बयान से मुकर गए गवाह
सभी आरोपियों को पर केस दर्ज कर दिया गया और उनपर गुजरात एनिमल प्रीजर्वेशन एक्ट, प्रीवेन्शन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट और गुजरात प्रोविंसियल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट के तहत आरोप लगाया गया. हालांकि, मामला तब पलट गया जब सुनवाई के दौरान गवाहों ने अपने बयान बदल दिया और उनपर दबाव का आरोप लगाया.
एफएसएल अधिकारी बार-बार समन के बाद भी नहीं पहुंचा कोर्ट
गवाहों ने कोर्ट से कहा कि उन्हें जबरन पंचनामा पर साइन करना पड़ा. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर ने कहा कि मीट के सैंपल भी फॉरेंसिंक विभाग को नहीं भेजे गए थे. पुलिसकर्मी के बयान के बाद कोर्ट ने कहा कि एफएसएल के अधिकारी ने कहा था कि मीट बीफ है. बार-बार समन भेजने के बाद भी एफएसएल का अधिकारी कोर्ट में नहीं पहुंचा. यहां तक कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का लिंक भेजने के बाद भी वह उसमें शामिल नहीं हुआ. ऐसे में सबूत के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया गया.
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