गुजरात के ऊपर मंडरा रहे चक्रवात का खतरा फिलहाल टला, तूफान ने बदला रुख
Gujarat Cyclone: गुजरात के कच्छ क्षेत्र के ऊपर छाए तूफान ने अपना रुख बदल दिया है. गुजरात में भारी बारिश की वजह से आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
Gujarat Cyclone Asna News: गुजरात के कच्छ के ऊपर छाए तूफान ने अपना रुख बदल लिया है. गुजरात के ऊपर मंडरा रहे चक्रवात का खतरा फिलहाल टल गया है. इससे पहले दोपहर 12:00 के आसपास कच्छ के मांडवी इलाके में जमकर बारिश हुई और हवाएं भी चली.
इससे पहले मौसम विभाग ने कहा कि कच्छ क्षेत्र के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र शुक्रवार तक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. इसके बाद जिले में झोपड़ियों और अस्थाई घरों में रहने वाले लोगों को स्कूलों या मंदिरों में जाने को कहा गया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि शुक्रवार को गुजरात में मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कारण बना एक गहरा दबाव कच्छ के तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों में चक्रवात 'असना' में बदल गया. 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर में यह पहला चक्रवाती तूफान है. असना नाम पाकिस्तान ने दिया है.
आईएमडी के अनुसार, 1891 से 2023 के बीच, अगस्त के दौरान अरब सागर में केवल तीन चक्रवाती तूफान (1976, 1964 और 1944 में) बने. 1976 का चक्रवात ओडिशा से उत्पन्न हुआ, पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा, अरब सागर में प्रवेश किया, एक लूपिंग ट्रैक का अनुसरण किया और ओमान तट के पास उत्तर-पश्चिम अरब सागर में कमजोर हो गया.
1976 का चक्रवात ओडिशा में उत्पन्न हुआ, पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा, अरब सागर में प्रवेश किया, एक घुमावदार रूट का अनुसरण किया, और ओमान तट के निकट उत्तरपश्चिम अरब सागर के ऊपर कमजोर पड़ गया. 1944 का चक्रवात अरब सागर में उभरने के बाद कमज़ोर होने से पहले तीव्र हो गया था. 1964 में, दक्षिण गुजरात तट के पास एक और अल्पकालिक चक्रवात विकसित हुआ और तट के पास कमज़ोर हो गया था.
कच्छ तट और पाकिस्तान और पूर्वोत्तर अरब सागर के आसपास के इलाकों में गहरा दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 6 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम की ओर बढ़ा, चक्रवाती तूफान 'असना' में बदल गया और भुज (गुजरात) से 190 किमी पश्चिम-उत्तरपश्चिम में उसी क्षेत्र में 11.30 बजे केंद्रित रहा.
बता दें कि गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं ने पिछले तीन दिनों में 26 लोगों की जान ले ली है. बता दें कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 18,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और करीब 1,200 लोगों को बचाया गया है.
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