Gujarat : धंधुका हत्याकांड मामले में बुधवार को गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वायड (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को हथियार खरीदने और किशन भारवाड़ को एक आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट पर मारने वाले निशानेबाजों को ठिकाना देने के लिए उनकी कथित भागीदारी के लिए गिरफ्तार किया गया.
गुजरात के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया गया
रमीज सेटा, मतीन मोदन और हुसैन खत्री उर्फ मिस्त्री- को एटीएस की टीमों ने बुधवार को एक ऑपरेशन में गुजरात के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया और गुरुवार को एजेंसी के हेडक्वार्टर लाया गया. पांच अन्य आरोपी – शब्बीर चोपडा, इम्तियाज पठान, अज़ीम समा और मौलवी क़मर गनी उस्मानी, मौलाना मोहम्मद अय्यूब जवारावाला को पहले गिरफ्तार किया गया पुलिस के अनुसार, शब्बीर और इम्तियाज ने कथित तौर पर भारवाड़ को गोली मारी, जबकि हथियार जवारावाला ने मुहैया कराया था.पुलिस ने कहा कि निशानेबाजों को कथित तौर पर उस्मानी ने उकसाया था जो दिल्ली में तहरीक फारूघ इस्लाम संगठन चलाता है.
इन आरोपियों की है भूमिका
मौलाना मोहम्मद अय्यूब जवारावाला: अहमदाबाद के जमालपुर के रहने वाले अय्यूब जवारावाला ने कथित तौर पर शब्बीर को दूसरों से मंगवाकर एक हथकड़ी और गोला-बारूद मुहैया कराया. शब्बीर चोपड़ा: धंधुका के किशन भारवाड़ को गोली मारने वाला शख्स जो 9वीं क्लास का है और वेल्डर का काम करता है. उसने कथित तौर पर उस्मानी से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और मुंबई में उनसे मुलाकात की जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद में जवारावाला से मिलने के लिए कहा गया.
इम्तियाज पठान : चोपडा का साथी, जिसने मोटरसाइकिल पर उसके साथ 4-5 दिन तक भारवाड़ की रेकी की थी. अजीम समा: राजकोट का रहने वाला है जिसने कथित तौर पर जवारावाला को हथकड़ी मुहैया कराई थी. रमीज सेटा: हथियार खरीदने वाले अजीम का साथी. हुसैन खत्री: शब्बीर और जवारावाला को ठिकाना देने वाला. मतिन मोदन: भारवाड़ की हत्या के बाद मतिन के पास शब्बीर का पहला फोन आया और अहमदाबाद में शरण दी.
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