Gujarat Earthquake News: मित्याला के ग्रामीणों ने सोमवार को 24 घंटे से भी कम समय में चार बार मामूली झटके महसूस किए. यह पहली बार नहीं है, पिछले दो सालों में दिन में 4 से 5 बार भूकंप के झटके देखे हैं, जिससे यहां के लोग सर्दी की रातों में भी खुले में सोते हैं. गांव के सरपंच (ग्राम प्रधान) मनसुख मोलादिया का कहना है कि मामला जिला और राज्य प्रशासन के संज्ञान में लाने के बावजूद वह कुछ नहीं कर रहा है. रात में बड़े भूकंप के डर से ग्रामीण सर्दी में भी खुले आसमान के नीचे सोते हैं.


क्या बोले अधिकारी?
अमरेली जिले के निवासी अतिरिक्त कलेक्टर रवींद्र वाला ने कहा- यह सच नहीं है कि जिला प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. गुजरात आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है और संस्थान के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन पूरा कर लिया है जबकि एक और टीम बुधवार को आ रही है.


क्या बोले एक्सपर्ट?
भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर के कार्यवाहक महानिदेशक सुमेर चोपड़ा ने कहा- पिछले दो वर्षों से क्षेत्र में कुल 225 भूकंप के झटके आ चुके हैं, उनमें से 200 की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2 से कम थी. रिक्टर पैमाने पर केवल एक की तीव्रता 3.2 थी. उन्होंने आईएएनएस को बताया कि उनकी टीम इलाके में लगातार अध्ययन कर रही है. कई दोष रेखाएं हैं- उत्तर-पूर्व दक्षिण, उत्तर-पश्चिम दक्षिण और कुछ अन्य. टीमों ने पृथ्वी/सतह के 20 से 25 किलोमीटर नीचे तक अध्ययन किया है. दक्षिण गुजरात में अमरेली, भावनगर, बोटाड, जामनगर, जूनागढ़ के कुछ हिस्से और नवसारी का पूरा इलाका चट्टानी इलाका है, जिसके कारण यहां भूकंप के झटके आम हैं.


उनके अध्ययन के अनुसार, झुंड (3-4 बार भूकंप एक साथ) के झटके वास्तव में अच्छे होते हैं, क्योंकि कम मात्रा में ऊर्जा जारी होती है. यदि यह लंबे समय तक जारी रहता है, तो यह बड़े भूकंपों के खतरे को टाल देता है.


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