Gujarat Election 2022: गुजरात सरकार ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 2015 के हार्दिक पटेल की लीडरशिप में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामले वापस ले लिए हैं. उस समय राज्य के विभिन्न हिस्सों में हार्दिक पटेल सहित आंदोलन में भाग लेने वालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे. लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों के अनुसार मामलों को वापस लेने के लिए विभिन्न अदालतों में आवेदन जमा किए गए थे. जबकि अहमदाबाद में एक सत्र अदालत ने सात मामलों को वापस लेने की अनुमति दी,


अदालत ने तीन और मामलों को वापस लेने की अनुमति दी


भारतीय दंड संहिता के अधिकारी के मुताबिक सिटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन और मामलों को वापस लेने की अनुमति दी, जिसमें धारा 143, 144 (घातक हथियारों से लैस गैरकानूनी असेंबली), 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), अन्य धाराओं के साथ व्यवहार किया गया. ब्रह्मभट्ट ने आगे कहा कि अब हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे के अलावा अहमदाबाद की सत्र अदालत में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का कोई मामला लंबित नहीं है. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद के रामोल पुलिस थाने में दर्ज पटेल और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला वापस लेने के संबंध में एक महानगरीय अदालत 15 अप्रैल को आदेश पारित कर सकती है.


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हार्दिक पटेल ने की यह मांग


हार्दिक पटेल ने मांग की कि आंदोलन से जुड़े सभी मामलों को भाजपा सरकार द्वारा वापस लिया जाना चाहिए और पाटीदार युवाओं को राहत दी जानी चाहिए. साथ ही हार्दिक ने यह भी कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर कांग्रेस आंदोलन शुरू करेगी. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के एक आह्वान के बीच, जिसने 2015 में आंदोलन का नेतृत्व किया, अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो आंदोलन को फिर से शुरू करने के किया जाएगा.


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