Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में अगर इस बार जीती बीजेपी तो रचेगी इतिहास, जानें- सबसे लंबा किसने कहां किया राज
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में बीजेपी पिछले 27 सालों से सत्ता पर काबिज है. 1995 के बाद से कोई भी पार्टी बीजेपी का किला भेद नहीं पाई है.
Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में आज दूसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग हो रही है. राज्य के 14 जिलों की 93 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है, जो शाम 5 बजे तक चलेगी. 2017 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी ने 93 सीटों में से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस ने 39 और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थी. वहीं बीजेपी अगर इस बार गुजरात में सत्ता फिर से हासिल करती है तो पश्चिम बंगाल में सीपीएम के रिकॉर्ड तोड़ने के करीब आ जाएगी.
इस दल का तोड़ सकती है रिकॉर्ड
दरअसल, बीजेपी ने 7वीं बार सत्ता पर काबिज होने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अगर बीजेपी इस बार भी गुजरात में अपनी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो वो एक राज्य 32 साल तक लगातार सरकार बनाने वाली पार्टी बन जाएगी. लेकिन क्या आपकों पता इसके अलावा भी एक राज्य ऐसा है जहां एक ही पार्टी ने लगातार 34 सालों तक सत्ता के सिंहासन का सुख भोगा है. वो राज्य है बंगाल जहां 34 सालों तक CPM की बादशाहत बरकरार रही.
1977 से CPM ने किया राज
आजादी के बाद किसी राज्य में सबसे ज्यादा किसी पार्टी ने राज किया है तो कभी तक बंगाल में CPM के नाम ही है. पश्चिम बंगाल में 1977 में शुरू हुई CPM की लंबी पारी पर 2011 में विराम लगा था. इस दौरान देश में कई परिवर्तन हुए, बंगाल उसका साक्षी भी बना, लेकिन CPM का विकल्प नहीं मिला. इसमें एक लंबा वो दौर भी था जब केंद्र में कांग्रेस की बादशाह थी. इंदिरा और राजीव का कार्यकाल था, लेकिन बंगाल एक अलग राह पर चल रहा था, और वही राह अब गुजरात में बीजेपी ने पकड़ रखी है. इस बार बीजेपी गुजरात में जीत के साथ ही 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने के लिए पूरी जोर-आजमाइश कर रही है.
वहीं बात करें अगर गुजरात बीजेपी के बीते 27 सालों की तो बीजेपी के लिए पिछला विधानसभा चुनाव कुछ खास नहीं रहा 2017 के विधानसभा चुनावों में तो बीजेपी 100 सीटों का आकंड़ा भी नहीं छू पाई थी. 2017 के प्रदर्शन को देखते हुए इस बार बीजेपी आलकमान ने पूरी ताकत झोंक रखी है. बीजेपी की इस विधानसभा चुनाव में जीत बहुत कुछ मायने रखती है. एक तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करना और दूसरा बंगाल की CPM के 34 साल के रिकॉर्ड के करीब पहुंचना.
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