एक्सप्लोरर

Gujarat Election 2022: गुजरात में बीजेपी-कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

BJP के पूर्व विधायक अरविंद लडानी जूनागढ़ की केशोद सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी को भरोसा है कि लडानी पार्टी के प्रतिबद्ध वोट बैंक में सेंध नहीं लगा सकते हैं.

Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में 182 सीटों पर 794 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इनके अलावा राष्ट्रीय दलों के 204 और राज्य के दलों के करीब 367 उम्मीदवार थे. ऐसे में राजनीति में प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के लिए नोटा एक बड़ी चुनौती बन गया है. इन निर्दलीय और राज्य दलों के पास बहुत कम जमीनी नेटवर्क था, लेकिन इनकी उपस्थिति बड़े दलों के खेल को बिगाड़ने वाली रही है. कांग्रेस और बीजेपी के 28 उम्मीदवार 258 वोटों के अंतर से हारे गए. जबकि हार के लिए वोटो का अधिक अंतर 27,226 रहा है. तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे जबकि कांग्रेस या बीजेपी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे.

वहीं भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया 2017 का चुनाव 1981 वोटों के अंतर से हार गए. बसपा उम्मीदवार को 4,259 वोट मिले, जबकि 3,408 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था. खेरालू सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार मुकेश देसाई को 37,960 वोट मिले जो बीजेपी उम्मीदवार से 21,479 कम थे. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार रामजी ठाकोर से 15 वोट ज्यादा मिले, जिसके चलते वह दूसरे नंबर पर आ गए.

भावनगर निर्दलीय उम्मीदवार का दबदबा
वहीं भावनगर जिले के महुवा निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार कनुभाई कलसारिया ने 39,164 वोट हासिल किए, लेकिन वह बीजेपी उम्मीदवार से हार गए. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार विजय बारिया को केवल 8,789 वोट मिले. 2022 के चुनाव में अमरेली सीट पर धनानी के खिलाफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी के पूर्व ड्राइवर विनोद चावड़ा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इनका दावा है कि किसी भी प्रमुख दल ने कभी भी इस निर्वाचन क्षेत्र में ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारा और इसलिए उन्होंने ओबीसी उम्मीदवार के रूप में उम्मीदवारी दाखिल की. चावड़ा का दावा है कि उनकी उम्मीदवारी के बारे में जानने के बाद धनानी ने उन्हें आशीर्वाद दिया है.

जूनागढ़ से बीजेपी के पूर्व विधायक लड़ रहें चुनाव
नर्मदा जिले के नांदोद विधानसभा क्षेत्र से हैरान कर देने वाली खबर आई है कि बीजेपी के एसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हर्षद वसावा ने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. साथ ही नंदोद सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए. वसावा दो बार के विधायक हैं. नर्मदा जिले के बीजेपी महासचिव विक्रम तड़वी का मानना है कि बिना पार्टी सिंबल या पार्टी कैडर के शायद ही कोई फर्क पड़ता है. तड़वी का मानना है कि एक उम्मीदवार का चुनावी मूल्य पार्टी के कारण होता है, न कि एक व्यक्ति के रूप में और हर्षद वसावा बीजेपी उम्मीदवार की संभावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएंगे. बीजेपी के पूर्व विधायक अरविंद लडानी जूनागढ़ जिले की केशोद सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पार्टी को भरोसा है कि लडानी पार्टी के प्रतिबद्ध वोट बैंक में सेंध नहीं लगा सकते या पाटीदारों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं. बीजेपी जूनागढ़ जिला समिति के महासचिव विजय कुमार करदानी ने कहा कि वह अधिक से अधिक फ्लोटिंग वोटों को विभाजित कर सकते हैं.

क्या कहते है राजनीतिक विश्लेषक
महासचिव विजय कुमार करदानी का मानना है कि आप की मौजूदगी से भी पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, जबकि एआईएमआईएम जूनागढ़ जिले की सभी चार सीटों पर मौजूद भी नहीं है. राजनीतिक दल और नेता चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों या किसी तीसरी ताकत के कम से कम प्रभाव का दावा करेंगे, लेकिन तथ्य यह है कि जहां दो प्रमुख दलों के बीच कड़ी टक्कर होती है. यहां जातिगत समीकरण परिणाम बदल सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषक जगदीश आचार्य का कहना है कि वोटों को विभाजित करने और विरोधियों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए राजनीतिक पार्टियां दबंग जाति के निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है. 

2017 के चुनावों से एक उदाहरण का हवाला देते हुए जगदीश आचार्य ने कहा, वंकानेर सीट पर कांग्रेस के पीरजादा मोहम्मद जावेद ने 1248 मतों के साथ चुनाव जीता था. इस निर्वाचन क्षेत्र में कोली समुदाय का प्रभुत्व है और एक निर्दलीय कोली उम्मीदवार गोरधन सरवैया ने 25,413 मत प्राप्त किए थे. अगर उन्हें 1500 से 2000 वोट ज्यादा मिले होते तो बीजेपी उम्मीदवार जितेंद्र सोमानी जीत जाते या अगर गोरधन मैदान में नहीं होते तो कांग्रेस उम्मीदवार बड़े अंतर से जीत जाते. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक के बाद एक चुनाव में देखा गया है कि करीबी मुकाबले में कोई निर्दलीय उम्मीदवार या किसी तीसरे पक्ष का उम्मीदवार खासकर अगर कोई दबंग जाति से हो तो नतीजों को प्रभावित करता है और उम्मीदवारों की तकदीर बदल सकता है.

Gujarat Election 2022: सोमनाथ का किला फिर जीतने की कोशिश में बीजेपी, जानें- क्या कहते हैं सियासी समीकरण
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Haryana Election: तंवर की घर वापसी...बीजेपी भंवर में फंसी! ABP NewsPublic Interest: नफरत वाले 'नाइक' की खुली पोल | ABP News | PakistanBharat Ki Baat: CM कुर्सी छोड़ने के बाद इस घर में रहेंगे Arvind Kejriwal | AAP | Delhi | ABP NewsSandeep Chaudhary: हरियाण में थमा चुनावी शोर..कौन मजबूत,कौन कमजोर? वरिष्ठ पत्रकारों का सटीक विश्लेषण

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Cabinet Briefing: किसानों की बढ़ेगी आय! मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- मोदी कैबिनेट ने लिए कौन-कौन से बड़े निर्णय
किसानों की बढ़ेगी आय! कैबिनेट बैठक में मिडिल क्लास और 5 भाषाओं पर भी फैसले आए, जानें- बड़ी बातें
‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में भड़क गई थीं इमरान हाशमी की वाइफ, ऐसा क्या हुआ कि एक्टर का निकल आया था खून?
क्यों ‘मर्डर’ फिल्म की स्क्रीनिंग में इमरान हाशमी ने खाई थी पत्नी से मार ?
Exclusive: हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- इंटरव्यू के 7 बड़े पॉइंट्स
हमास-हिज्बुल्लाह का आगे भी साथ देगा ईरान? राजदूत ने बता दिया पूरा प्लान, जानें- 7 बड़े पॉइंट्स
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बस मार्शल्स का प्रदर्शन, मंत्री सौरभ भारद्वाज को पुलिस ने हिरासत में लिया
Natasa Stankovic ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, तस्वीरें देख दिल हार बैठे फैंस
नताशा स्टेनकोविक ने फ्लॉन्ट किया बिकिनी में फिगर, वायरल हुईं फोटोज
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव? सामने आया बड़ा अपडेट
Marital Rape Row: मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
मैरिटल रेप को क्यों क्राइम नहीं मानना चाहती मोदी सरकार? SC से कह दीं ये 3 बड़ी बात
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण, जानें इसके इलाज का तरीका
गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण
Embed widget