Gujarat Election 2022: सोमनाथ का किला फिर जीतने की कोशिश में बीजेपी, जानें- क्या कहते हैं सियासी समीकरण
Gujarat News: सोमनाथ में 2012 के चुनाव में बीजेपी को चार सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. वहीं 2017 में सोमनाथ की चारों सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी.
Gujarat Election: गुजरात विधानसभा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रविवार को राज्य में चार चुनावी रैलियों (BJP Rally) को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी सबसे पहले प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) में पूजा-अर्चना करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी सोमनाथ का किला फिर जीतने में कामयाब होगी?
सोमनाथ क्यों है महत्वपूर्ण?
दरअसल, सोमनाथ ही वह जगह है जहां से 1990 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी. वहीं इस रथ यात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी को देश की राजनीति में एक अलग पहचान दिलाई थी. इसके साथ गुजरात में बीजेपी की सरकार बनाने में सोमनाथ की भूमिका बेहद अहम रही है.वहीं अगर 2007 के चुनाव की बात करें तो सोमनाथ के चार विधानसभा सीटो में से बीजेपी को तीन सीटों पर जीत मिली थी.
वहीं इसके बाद सोमनाथ में बीजेपी का ग्राफ लगातार गिरने लगा 2012 के चुनाव में बीजेपी को चार सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. 2017 में सोमनाथ की चारों सीटों पर बीजेपी को करारी हार मिली थी और चारों सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. अब देखना यह होगा कि आज प्रधानमंत्री का सोमनाथ के लिए संदेश कितना कामगर साबित हो पाएगा.
क्या कहते हैं आंकड़े?
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 8.5 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति और करीब दो फीसदी अनुसूचित जनजाति आबादी है. अल्पसंख्यक मतदाताओं की आबादी 10 फीसदी से अधिक है. सोमनाथ के चुनावी इतिहास में एक बार एक महिला को भी गुजरात विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. वह भी मुस्लिम. साल 1975 के विधानसभा चुनाव में शेख अवासा बेगम साहेब मोहम्मद अली ने भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार हमीर सिंह दोडिया को पराजित किया था.
सोमनाथ मंदिर के प्रबंधन का काम देखने के लिए गठित सोमनाथ न्यास के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी हैं, जबकि बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय मंत्री शाह इसके न्यासी हैं. आडवाणी ने तो 25 सितंबर 1990 को अपनी प्रसिद्ध और बीजेपी को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने वाली रथ यात्रा की शुरुआत के लिए प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को ही चुना था. यात्रा शुरू करने से पहले सोमनाथ मंदिर में ही आडवाणी ने पूजा की थी और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था.