Gujarat Assembly Elections: 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में एक चौथाई सीट पर वर्चस्व लगभग एक ही पार्टी या कैंडिडेट का रहा है. गुजरात की जनता ने इन 47 सीटों पर पार्टी और उम्मीदवार पर अटूट विश्वास जताया है.
पिछले 24 सालों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 31 सीटों पर अपना वर्चस्व कायम रखा है जबकि कांग्रेस ने 15 सीटों पर अपना कब्जा जमाये हुए है. भारतीय ट्राइबल पार्टी के जनक छोटू वसावा का एक सीट पर जबरदस्त पकड़ है. उन्होंने साल 1995 से एक भी चुनाव उस सीट पर नहीं हारा है.
शहरी इलाकों में बीजेपी की पकड़ मजबूत
बीजेपी का अभेद किला ज्यादातर शहरी हिस्सों में है. अहमदाबाद , वडोदरा , सूरत और राजकोट जैसे शहरी इलाको में बीजेपी का कोई तोड़ नहीं है. जबकि कांग्रेस की पकड़ ग्रामीण और आदिवासी इलाको में ज्यादा है. इन 47 सीटों पर पिछले 4 विधानसभा चुनावों में कोई भी पावर शिफ्ट नहीं हुआ है.
लोकसभा चुनाव में किया था क्लीन स्वीप
गुजरात के वोटर लोकसभा चुनाव में भी अपनी पार्टी के प्रति काफी वफादार हैं. इसके बदौलत बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 26 सीटों पर क्लीन स्वीप किया था. कांग्रेस पार्टी मात्र 9 क्षेत्रों में कुछ मामूली बढ़त हासिल किया था. साल 2014 में भी बीजेपी ने सभी लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की थी. उस समय कांग्रेस को 17 इलाको में मामूली बढ़त मिली थी.
कहां कहां मजबूत है बीजेपी
पिछले 22 सालों से बीजेपी ने कुल 30 सीटों पर विजय प्राप्त करते आई है. इनमें विसनगर, मेहसाणा, इडर, एलिसब्रिज, नरोडा, मणिनगर, साबरमती, असर वां, वधावन , राजकोट वेस्ट, राजकोट साउथ, राजकोट ग्रामीण, केसोड, महुवा, बतोड, नडियाद, कलोल, वडोदरा सिटी, सयाजीगंज, रावपुरा, भरुच, अकंलेश्वर, ओलपाड, सूरत नॉर्थ, सूरत वेस्ट, चोरयासी, जलालपुर, नवसारी समेत कई ऐसी सीटें है जहां बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत है.
कांग्रेस की पकड़ कहां है मजबूत
खेडब्रह्मा, दरियापुर, जमालपुर, जसदण, बोरसद, महुदा, वयारा, वडगाम, भीलोदा जैसी सीटों पर कांग्रेस का परचम बुलंद रहा है. सौराष्ट्र का जसदण सीट एक अपवाद है. यहां पहले कांग्रेस के 5 बार के विधायक कुंवर जी बवालिया ने 2017 में पाला बदलकर बीजेपी में आ गये थे. बीजेपी के सीट पर 2017 में हुए उपचुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई थी. साल 1998 से ही वह कांग्रेस पार्टी के सीट पर चुनाव जीतते आए थे.
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