Gandhinagar Protest: गांधीनगर के चिलोड़ा के पास पूर्व सैनिकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को सेना के 72 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हो गई. गांधीनगर सिविल अस्पताल के पास का इलाका तनावपूर्ण हो गया क्योंकि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीड़ित कांजीभाई मोथालिया की मौत "पुलिस की बर्बरता" से हुई. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांजीभाई गुजरात के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जेआर मोथालिया के बड़े भाई हैं. गांधीनगर जिला पुलिस ने चिलोदा थाने में दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है और उसकी मौत के कारणों की जांच कर रही है.


कांग्रेस नेता का आरोप
गांधीनगर के कांग्रेस नेता निशित व्यास ने कहा (जो मौके पर थे), “जब विरोध प्रदर्शन चल रहा था तब पुलिस और पूर्व सैनिकों के बीच झड़प हुई और झड़प के दौरान मोथालिया की मौत हो गई. इसके बाद उन्हें गांधीनगर के सिविल अस्पताल ले जाया गया. पूर्व सैनिक शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे.” .


Hindi Diwas: सूरत में अमित शाह ने अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को किया संबोधित, महात्मा गांधी को लेकर कही ये बात


क्या बोले पुलिस निरीक्षक एमजी जडेजा? 
चिलोदा पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक एमजी जडेजा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, “पूर्व सैनिक सेना छावनी के पास चिलोदा रोड पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वे गांधीनगर नगर क्षेत्र जा रहे थे, जहां गांधीनगर कलेक्टर द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है. उन्हें वहां धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं थी. इसलिए हम उन्हें गांधीनगर टाउन एरिया में जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. धरना मंगलवार सुबह से ही चल रहा था. विरोध प्रदर्शन के दौरान मंगलवार दोपहर मोथालिया की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद 108 इमरजेंसी रिस्पांस सर्विस से उन्हें गांधीनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया. शाम को गांधीनगर सिविल अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. यह एक आकस्मिक मृत्यु है.” 


पोस्टमार्टम के बाद होगा खुलासा
जडेजा ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही उनकी मौत के सही कारणों का पता चलेगा. गांधीनगर के पुलिस अधीक्षक तरुण कुमार दुग्गल ने कहा कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने और उम्र संबंधी कुछ बीमारियों के कारण हुई है. उन्होंने कहा, “मैं कांजीभाई मोथालिया के परिवार के सदस्यों के साथ सिविल अस्पताल में हूं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है. विरोध के दौरान उनका दम घुट रहा था और वे पहले से ही कुछ बीमारियों से पीड़ित थे. हमने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग नहीं किया है. किसी को पीटने का सवाल ही नहीं है.”


ये भी पढ़ें:


Gujarat News: गुजरात में उठी पाकिस्तान की जेल में बंद बीमार मछुआरों को रिहा करने की मांग, कांग्रेस विधायक ने CM से की ये मांग