Gujarat: डॉल्फिन और शार्क का अवैध शिकार रोकने की तैयारी, वन विभाग ने तैयार किया प्लान
Gujarat News: वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि वन विभाग तटीय जल में नियमित गश्त करेगा. भारतीय तट रक्षक, समुद्री पुलिस व सीमा शुल्क के साथ समन्वय करके ये गश्त की जाएगी.
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Gandhinagar: गुजरात के समुद्र तट से कथित तौर पर डॉल्फिन और शार्क के अवैध शिकार के आरोप में पिछले दिनों अन्य राज्यों के दस मछुआरे पकड़े गए थे. इसके कुछ दिनों बाद ही राज्य के वन विभाग ने तटीय जल में नियमित गश्त करने का निर्णय लिया है. वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने मंगलवार को विधानसभा को बताया कि ये गश्त भारतीय तट रक्षक, समुद्री पुलिस और सीमा शुल्क के साथ समन्वय करके की जाएगी,
15 मार्च को पोरबंदर तट से पकड़े गए थे 10 मछुआरे
विधानसभा के 'अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व' के मामलों से संबंधित नियम 116 के तहत कांग्रेस विधायक अर्जुन मोधवाडिया ने जानना चाहा कि राज्य सरकार वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत लुप्तप्राय प्रजातियों शार्क और डॉल्फिन को बचाने के लिए क्या कदम उठा रही है? अपने जवाब में मंत्री बेरा ने कहा कि तमिलनाडु के पांच, केरल और असम के दो-दो और ओडिशा के एक, कुल दस मछुआरों को 15 मार्च को पोरबंदर के तट से पकड़ा गया था, उनकी नाव से मरी हुई 22 डॉल्फिन और चार बुल शार्क जब्त किए गए थे. उन्होंने बताया कि ये मछुआरे तमिलनाडु में पंजीकृत अपनी नाव 'दयाना -2' में 26 फरवरी को केरल स्थित कोच्चि बंदरगाह से निकले थे.
नाव रोकने पर मरी हुईं डॉल्फिन और शार्क मिलीं
एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए गुजरात के वन विभाग ने तटरक्षक बल और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय के करके 15 मार्च को पोरबंदर से करीब 12 नॉटिकल मील की दूरी पर उनकी नाव को रोका तो नाव में डॉल्फिन और शार्क मिलीं. मंत्री ने कहा कि मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और अभी वे सभी न्यायिक हिरासत में हैं. कानून के तहत इन प्रजातियों की मछली को पकड़ना प्रतिबंधित है, बेरा ने कहा कि गुजरात के मछुआरे स्वेच्छा से डॉल्फिन और अन्य संरक्षित समुद्री प्रजातियों को पकड़ने से बचते हैं.
स्थानीय मछुआरों के साथ किए जाएंगे संबंध मजबूत
अगर गुजरात के मछुआरे गलती से डॉल्फिन पकड़ लेते हैं तो वे उसे छोड़ने के लिए जाल काट देते हैं. हम जाल के नुकसान के लिए मछुआरों को 25 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता भी देते हैं. बेरा ने कहा कि यह पहली बार है जब गुजरात से इस तरह का अवैध शिकार हुआ है. मंत्री ने कहा, कि वन विभाग अब तट रक्षक, समुद्री पुलिस और सीमा शुल्क के साथ समन्वय करके तट के पास नियमित गश्त करने की योजना बना रहा है. सूचना और गुप्त सूचना प्राप्त करने के लिए हम स्थानीय मछुआरों के साथ अपने संबंधों को भी मजबूत करेंगे.
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