Former Gujarat Home Minister Vipul Choudhary: गुजरात के पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी को 750-800 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में विपुल चौधरी ने अब जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मेहसाणा की एक जिला अदालत ने 30 सितंबर को अपराध की गंभीरता, उसकी भूमिका, उसके पूर्व आचरण के साथ-साथ आपराधिक इतिहास और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. गुरुवार को गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय की.


उनपर लगे हैं ये गंभीर आरोप
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अपराध शाखा ने एक संयुक्त अभियान में चौधरी और उनके निजी सहायक शैलेश पारिख को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराधों के लिए 15 सितंबर को गिरफ्तार किया. यह आरोप लगाया गया है कि चौधरी ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और मानक संचालन प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए कार्य आदेश और अनुबंध जारी किए, जिसके परिणामस्वरूप "वित्तीय अनियमितताएं" हुईं.


इनमें कथित तौर पर टेंडर जारी किए बिना मिल्क कूलर की थोक खरीद, सबसे कम बोली लगाने वाले से अधिक कीमत देने वाले बोलीदाताओं को निर्माण अनुबंध देना और इसी तरह डेयरी के बैनर और होर्डिंग लगाने के लिए अनुबंध देना शामिल था.


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गुजरात में पूर्व गृह मंत्री रह चुके हैं चौधरी
इससे पहले चौधरी को गुजरात अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन 14.8 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में 2020 में गिरफ्तार किया था जिसका इस्तेमाल दूधसागर डेयरी के कर्मियों को बोनस देने के लिए किया जाना था. चौधरी को पशु चारा खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जीसीएमएमएफ और दूधसागर डेयरी से बर्खास्त कर दिया गया था. चौधरी गुजरात में सहकारिता क्षेत्र के एक जाने माने चेहरे हैं. वह 1996 में शंकर सिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री थे.

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