Gujarat Poisonous Liquor: गुजरात में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. गुजरात में जहरीली शराब पीने से अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है. इस वक्त 56 ऐसे लोग हैं जो अस्पतालों में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है. गुजरात के अहमदाबाद ग्रामीण और बोटाद जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद विपक्ष ने सरकार की शराबबंदी नीति के खराब क्रियान्वयन को लेकर जमकर खिचाई की है. जवाब में सत्तारूढ़ बीजेपी ने विपक्ष पर गंदा राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाया है.


विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सभी राजनीतिक दल जहरीली शराब से प्रभावित लोगों से मिल रहे हैं. विपक्षी नेताओं के साथ-साथ मंत्री और अन्य बीजेपी नेता भी प्रभावित परिवारों से मिलने की कोशिश कर रहे हैं.


हर्ष सांघवी ने सिविल अस्पताल का किया दौरा
गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल का दौरा किया जहां प्रभावित मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और शिक्षा मंत्री जीतू वघानी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भावनगर अस्पताल में पीड़ितों से मुलाकात की. गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकुर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, विधायक जिग्नेश मेवानी ने बोटाद के रोजिड गांव में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और बाद में भावनगर अस्पताल का दौरा किया जहां मरीजों का इलाज चल रहा है.


Gujarat Illicit Liquor Case: 31 की मौत, 56 अस्पताल में भर्ती, गुजरात में जहरीली शराब का कहर


बीजेपी पर जमकर साधा निशाना
ठाकुर ने कहा, सत्तारूढ़ दल राज्य में अवैध शराब का धंधा चलाने वाले लोगों को चुनावी फंड के लिए संरक्षण दे रहा है. इस बारे में चेतावनी देने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. यह सिर्फ चूक नहीं है. इसके लिए पुलिस को रिश्वत दी जाती है. इसलिए सरकार को प्रत्येक मृतक के परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए. आपको बता दें, गुजरात में जहरीली शराब पीने से 31 लोगों की मौत हो चुकी है.


जिग्नेश मेवानी ने की जांच की मांग
निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने मांग की है कि राज्य निगरानी प्रकोष्ठ के प्रमुख पुलिस अधीक्षक निर्लिप्त राय को जहरीली शराब की घटना की जांच का जिम्मा सौंपा जाए. आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव इसुदान गढ़वी ने विफलता के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के इस्तीफे की मांग की.


क्या बोले शिक्षा मंत्री जीतू वघानी?
शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा, यह समय राजनीति करने का नहीं है. यह एक दुखद घटना है, हर कोई अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति सहानुभूति रखता है. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस की सतर्कता ने एक बड़ी त्रासदी को रोक दिया है. उन्होंने कहा, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई नहीं की होती तो 600 लीटर मिथाइल अल्कोहल लोग पी जाते और मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती थी.


ये भी पढ़ें:


Gujarat Flood Survey: गुजरात के कई इलाकों में आई बाढ़ का सर्वे करेगी कांग्रेस, सरकार पर विफलता का लगाया आरोप