Gujarat News: सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद कानून पर उम्मीद लगाए बैठी गुजरात सरकार को बड़ा झटका दिया है. इस क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश पर न ही रोक लगा सकता है और न ही इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले में दखल दे सकता है. आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने 15 जून 2021 को कथित लव जिहाद को रोकने के लिए गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021 लागू किया था.


क्या है पूरा मामला?


पिछले साल अगस्त में लव जिहाद विरोधी कानून को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया था. गुजरात हाईकोर्ट ने लव जिहाद कानून की कुछ धाराओं को लागू करने से रोक दिया था. हाईकोर्ट ने लव जिहाद को लेकर यह फैसला इस्लामिक संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनाया था. क्योंकि कथित तौर पर यह बताया गया कि लव जिहाद के चलते मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही थीं और इसलिए जमीयत ने सरकार के नए कानून पर रोक लगाने की मांग की.


पिछले साल लागू किया था यह क़ानून

गुजरात सरकार ने 15 जून 2021 को कथित लव जिहाद को रोकने के लिए 'गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' लागू किया था.  इसके बाद मुस्लिम संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया. उनकी याचिका आने पर गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई की. उसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस कानून के प्रावधान उन पर लागू नहीं हो सकते हैं, जिन्होंने अंतर-धार्मिक विवाह में बल या धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं दिखाया. कोर्ट ने कहा था कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि लड़की को लालच देकर फंसाया गया है, तब तक किसी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज न की जाए. हाईकोर्ट ने साथ ही यह भी  फैसला सुनाया था कि लड़का-लड़की के बीच स्वतंत्र सहमति और प्रलोभन या धोखाधड़ी के बिना अंतर-धार्मिक विवाह को "गैरकानूनी रूपांतरण के उद्देश्य से विवाह नहीं कहा जा सकता.

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