Morbi Municipality: गुजरात के शहरी विकास विभाग ने मोरबी (Morbi) नगर पालिका को कारण बताओ नोटिस जारी (Show Cause Notice) कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न इसे हटा दिया जाए. कारण बताओ नोटिस बुधवार को राज्य सरकार द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दिए गए इस बयान के बाद जारी किया है कि वह मोरबी झूला पुल के मरम्मत कार्य को मंजूरी देने और इसे जनता के लिए खोलने की अनुमति देने में कर्तव्य की उपेक्षा के लिए नगर पालिका का अधिक्रमण करेगा.


मोरबी हादसे में 135 लोगों की हुई थी मौत 
मोरबी हादसे में 30 अक्टूबर की शाम को मच्छू नदी (Machchhu River) पर बना झूला पुल ढह गया था, जिसमें 135 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग इस हादसे में घायल भी हो गए थे. इस ब्रिज को रिनोवेशन के बाद हाल ही में चालू किया गया था. जिसकी मरम्मत ओरेवा ग्रुप ने की थी. बीजेपी नेता कमलेश देसाई (kamlesh desai) के नेतृत्व वाली नगर पालिका के 49 सदस्यों ने अदालत के समक्ष राज्य सरकार के हलफनामे का विरोध करते हुए कहा कि वे पुल मरम्मत का ठेका देने में शामिल नहीं थे और अगर सरकार मोरबी नगर पालिका को हटा देती है, तो यह बाकी सदस्यों के साथ अन्याय होगा. 


मोरबी नगर पालिका को मिला कारण बताओ नोटिस 
नगर पालिका के एक अन्य सदस्य ने कहा, केवल तीन सदस्य, अध्यक्ष के.के. परमार (K.K. Parmar) उपाध्यक्ष जयेंद्रसिंह जडेजा (Jayendrasinh Jadeja) और स्थायी समिति के अध्यक्ष जिम्मेदार हैं. परमार ने मीडिया को बताया कि उनके कार्यालय को कारण बताओ नोटिस मिला है, लेकिन वह शहर से बाहर हैं, इसलिए उन्होंने इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं पढ़ा है. परमार ने कहा कि वह सामान्य बोर्ड की बैठक बुलाएंगे, जिसमें सर्वसम्मति से यह तय किया जाएगा कि पालिका को नोटिस का क्या और कैसे जवाब देना चाहिए. 


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