Gujarat Govt On Old Jain Idols: गुजरात में जैन मूर्तियों को हटाए जाने पर प्रदर्शन के बाद राज्य की भूपेंद्र पटेल की सरकार सक्रिय दिख रही है. राज्य सरकार ने पंचमल जिले में अधिकारियों को जैन मूर्तियों को लेकर खास निर्देश दिए हैं. सरकार ने पावागढ़ पहाड़ी पर कालिका माता मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों के पास सदियों पुरानी जैन मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर फिर से स्थापित करने के लिए कहा है.
मूर्तियों को उनके मूल स्थान से हटाए जाने पर जैन समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. समुदाय के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जैन तीर्थंकरों की इन मूर्तियों को मंदिर ट्रस्ट की ओर से एक नवीकरण परियोजना के हिस्से के रूप में हटा दिया गया था.
जैन मूर्तियों को उसी जगह पर रखने के निर्देश
हालांकि ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि सीढ़ियों पर एक पुराने शेड को हटाने और रखरखाव के दौरान उन्हें विस्थापित किया गया होगा. यह किसी दुर्भावना से नहीं किया गया था. ये जैन मूर्तियाँ एक पुराने रास्ते की सीढ़ियों के दोनों ओर रखी गई थीं, जो पहाड़ी मंदिर तक जाता है, लेकिन वर्तमान में उपयोग में नहीं है. जैन नेता दिनेश शाह ने कहा, ''सोमवार की सुबह, समुदाय के कुछ सदस्यों ने देखा कि मूर्तियों को बगल की दीवारों से हटा दिया गया था और एक जगह पर एक साथ रखा गया था''.
मूर्तियों को हटाने पर जैन समुदाय ने किया था प्रदर्शन
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, ''इन 6 से 7 मूर्तियों को हटाने के बारे में जानने पर, जैन समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ धार्मिक नेताओं ने वडोदरा, हलोल और सूरत में विरोध प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टरों को ज्ञापन दिया. गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी हरकत में आए और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा के बाद इन मूर्तियों को उनके मूल स्थान पर बहाल करने का आदेश दिया.
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने क्या कहा?
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा, ''ये मूर्तियां सदियों पहले वहां रखे गए थे और लोगों द्वारा उनकी पूजा की जाती थी. इन मूर्तियों को हटाने की अनुमति कभी भी किसी ट्रस्ट या व्यक्ति को नहीं दी गई. इस कृत्य से कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. सीएम के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद, (पंचमहल) जिला कलेक्टर को इन मूर्तियों को सीढ़ियों के पास उसी स्थान पर फिर से स्थापित करने के लिए कहा गया है.
उधर, हालोल पुलिस को सौंपे गए एक ज्ञापन में जैन समुदाय के नेता किरण दुग्गड़ ने इन मूर्तियों को तत्काल वहां रखने जाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इस कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. मंदिर के ट्रस्टियों में से एक, विनोद वरिया ने सोमवार को घोषणा की कि मूर्तियों को उसी स्थान पर रखा जाएगा.
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