Gujarat Economy News: गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी (BJP) ने समावेशी विकास और गुजरात की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का वादा किया था. इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए विभिन्न विभागों से अनुमति प्राप्त करने में उनके कार्य को आसान बनाने के लिए 'अभिनंदन डेस्क' (Abhinandan Desk) शुरू करने का निर्णय लिया.
प्रदेश के 50 हजार युवाओं को नवीनतम कौशल योजना के तहत किया जाएगा प्रशिक्षित
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घोषणा की कि कैबिनेट ने अगले तीन वर्षों में 50 हजार युवाओं को नवीनतम कौशल योजना में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है, जो उन्हें नौकरी दिला सकते हैं. उन्होंने इस प्रशिक्षण के बाद युवा कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन प्रशिक्षण, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉक चेन जैसे क्षेत्र में अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं.
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया कि, गुजरात को वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाए जाने का लक्ष्य है, इससे सभी क्षेत्रों में विकास संतुलित होग. रोजगार मिलने से आर्थिक रुप से समाज का हर वर्ग मजबूत होगा, जिससे सभी वर्गों के मध्य असमानता कम होगी और एक समावेशी भाव विकसित होगा.
इन क्षेत्रों के विकास पर सरकार का होगा फोकस
व्यास ने कहा कि सरकार का एकमात्र ध्यान कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास और समावेशी विकास पर होगा. इसी तरह जीआईएफटी सिटी की पीठ पर सेवा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा में ले जाएगा. गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां सभी क्षेत्रों में विकास संतुलित है.
गुजरात में चार महीनों में ही आया 3200 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
राज्य के बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसका सकल घरेलू उत्पाद 22 लाख 3 हजार 62 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. 2022 के मध्य तक, राज्य में स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 44 हजार 930 मेगावाट थी, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान 29 हजार 204 मेगावाट है. चालू वित्त वर्ष में, राज्य ने केवल चार महीनों में 3200 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है.
उद्योग झेल रहे थे दोहरे टैक्सेशन की मार
गुजरात चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रतीक पटवारी ने कहा कि राज्य के साथ-साथ केंद्र में सुशासन और निर्णायक नेतृत्व के कारण राज्य निजी निवेश को आकर्षित कर रहा है, जो राज्य के विकास को रीढ़ प्रदान करता है. सुशासन का उदाहरण देते हुए पटवारी ने कहा कि सालों से उद्योगों को दोहरे टैक्सेशन की समस्या का सामना करना पड़ रहा था. यदि इकाई गुजरात औद्योगिक विकास निगम (GIDC) द्वारा स्थापित औद्योगिक एस्टेट में खोली गई थी, तो ग्राम पंचायत और जीआईडीसी दोनों ने कर लगाया था. पटेल सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है, अब इकाइयों को एक ही कर देने से इसमें फायदा होगा.
वर्तमान सरकार ने जीआईडीसी प्लॉट रीसेल शुल्क को 3 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है, जिसके कारण कई उद्योगपति न तो इसका उपयोग कर पा रहे थे और न ही बेच पा रहे थे. पटवारी ने कहा कि अब सड़क साफ होने से हजारों करोड़ की संपत्ति का उपयोग होगा.
इन उद्योगों में गुजरात की बढ़ी है हिस्सेदारी
शुरुआती वर्षों में गुजरात फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, इंजीनियरिंग, हीरे जैसे विनिर्माण क्षेत्रों में आगे था. आज फार्मा उत्पादों में गुजरात की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पादों में 65 फीसदी से ज्यादा, केमिकल्स में 50 फीसदी और डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग में 80 फीसदी है. अब यह सेमी कंडक्टर्स, मैन्युफैक्च रिंग डिफेंस प्रोडक्ट्स, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे न्यू एज सेक्टर्स में एंट्री कर रहा है.
यह भी पढ़ें: