Gujarat HC: गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को अहमदाबाद म्युनिसिपेलिटी कॉर्पोरेशन (एएमसी) को बिना फायर एनओसी और भवन उपयोग (बीयू) की इजाजत के बिना बिल्डिंग बनाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. एएमसी ने रिपोर्ट इसलिए नहीं दर्ज की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इमारतों द्वारा फायर एनओसी और बीयू की अनुमति प्राप्त की गई थी या नहीं. 


क्या है पूरा मामला?


मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ ने एएमसी को एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा कि बीयू की अनुमति और फायर एनओसी के बिना अभी भी कितने भवनों पर कब्जा है. अदालत ने कहा, यह उचित समय है कि एएमसी उन लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे.


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जिन्होंने अनुमति प्राप्त नहीं की है और उन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की संभावना है जिन्होंने कानून के अनुसार जारी नोटिस का जवाब नहीं दिया है, जबकि अदालत ने एएमसी को डिफॉल्टरों पर मुकदमा चलाने की संभावना तलाशने का आदेश दिया, उसने अन्य नगर निगमों द्वारा दिखाई गई लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की.


अन्य नगर निगमों की खिंचाई की


अदालत ने नगर निगम आयुक्तों, खासकर गांधीनगर नगर निगम (जीएमसी) की खिंचाई की. अदालत ने सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं द्वारा अग्नि सुरक्षा अधिनियम के नियमों के तौर-तरीकों और बीयू की अनुमति के लिए विशेष रूप से अस्पतालों और स्कूलों में की गई कार्रवाई पर ध्यान दिया. अदालत ने राज्य सरकार को कानून को लागू नहीं करने और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है.


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