(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat HC: मैरिटल रेप याचिकाओं को लेकर गुजरात हाईकोर्ट को दिल्ली HC के फैसले का इंतज़ार, जानें पूरा मामला
Marital Rape: गुजरात HC ने शुक्रवार को कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहेगा.
Gujarat HC: गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहेगा और कहा कि वह तब तक इसी तरह की मांग के लिए दायर जनहित याचिका पर आगे नहीं बढ़ेगा.
वर्तमान जनहित याचिका को लंबित याचिका से टैग किया जाए
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने वैवाहिक बलात्कार को यौन उत्पीड़न के लिए दंड से छूट देने वाले भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को स्वीकार किया था. पीठ ने कहा कि इसी तरह की एक जनहित याचिका मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष लंबित थी और वर्तमान जनहित याचिका को इसके साथ टैग किया जाए.
'भारत की प्राचीन और पारंपरिक कानूनी व्यवस्था को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए'
इस बीच, वडोदरा के एक वृद्ध रजनीकांत कटारिया ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की मांग का विरोध करते हुए एक आवेदन दायर किया. उनके वकील जितेंद्र मलकान ने कहा कि उन्हें मुकदमे में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है. 87 वर्षीय कटारिया ने उच्च न्यायालय से आम कानून के आधार पर इस मुद्दे पर फैसला नहीं करने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन और पारंपरिक कानूनी व्यवस्था को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. कटारिया ने प्रस्तुत किया है कि वैदिक युग से भारत का एक दर्ज कानूनी इतिहास है और नागरिक कानून की एक प्रणाली सिंधु सभ्यता के दौरान भी मौजूद थी.