Maharaj File Gujrat: बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के बेटे जुनैद खान की पहली फिल्म 'महाराज' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुजरात हाई कोर्ट में इस मामले पर बुधवार को भी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "महाराज फिल्म देख कर ही तय किया जाएगा कि फिल्म पर पूरी तरह रोक लगानी है या इसे रिलीज होने देना है."
इसके लिए यशराज फिल्म्स की ओर से कोर्ट को लिंक और पासवर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे. अब कोर्ट इस मामले की सुनवाई गुरुवार को करेगी.
ओटीटी पर नियंत्रण के लिए नए कानून की जरूरत
कानून याचिकाकर्ता शैलेश पटवारी ने कहा कि कोर्ट पूरी फिल्म देखेगा और रिलीज को लेकर गुरुवार दोपहर दो बजकर 30 मिनट के बाद फैसला सुनाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि ओटीटी को भारत सरकार के अधिकार में लाने के लिए कड़े नियम-कानून बनाने की जरूरत है. वरना कोई भी ओटीटी पर आकर कुछ भी दिखा सकता है, जो कि जोखिम भरा है.
इस केस पर आधारित है कहानी
'महाराज' की कहानी 1862 में ब्रिटिश शासन के दौरान करसनदास मुलजी से जुड़े मानहानि केस पर आधारित है. करसनदास मुलजी एक समाज सुधारक और पत्रकार थे. भारतीय कानून के इतिहास में इस केस का महत्वपूर्ण प्रभाव है. मानहानि के इस मामले में जदुनाथजी महाराज ने करसनदास पर आरोप लगाया था कि वह उनकी और उनके भक्तों की छवि खराब कर रहे हैं.
इस मामले में तत्कालीन बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट के ब्रिटिश जजों ने करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद करसनदास के पक्ष में फैसला सुनाया था. फिल्म में जुनैद, पत्रकार करसनदास मुलजी का किरदार निभा रहे हैं, जबकि जयदीप अहलावत विलेन की भूमिका में हैं.
हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आदेश
इस फिल्म के निर्माताओं पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. गुजरात हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि हिंदू धर्म इसकी निंदा करता है, क्योंकि इसमें भगवान कृष्ण के खिलाफ निंदनीय बातें हैं. बता दें कि 'महाराज' 14 जून को रिलीज होनी थी, लेकिन मामला कोर्ट में जाने से इसकी रिलीज रूक गई है. मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई जो कि 20 जून को भी जारी रहेगी.
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