Gujarat High Court: लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद बीमा कंपनी नहीं होगी हानि के लिए जिम्मेदार- गुजरात हाईकोर्ट
Gujarat High Court: गुजरात हाईकोर्ट ने वैध लाइसेंस की अवधि समाप्त हो जाने पर बीमा कंपनी को दुर्घटना के हर्जाना के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है, आइये जानते हैं पूरी खबर
Gujarat High Court News:गुजरात हाईकोर्ट ने एक वैध लाइसेंस को लेकर दुर्घटना सम्बन्धी मामले में अपना फैसला सुनाया है जिसमें कहा गया है कि यदि दुर्घटना की तारीख पर उल्लंघनकर्ता वाहन चालक के पास वैध लाइसेंस नहीं है तो बीमा कंपनी को उसकी क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता.
जस्टिस आरएम छाया ने बदला ट्रिब्यूनल का फैसला
ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया था कि लाइसेंस रद्द नहीं किया गया था और बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी ठहराया गया था. जस्टिस आरएम छाया ने ट्रिब्यूनल के फैसले को उलट दिया और कोर्ट ने फैसले में कहा कि किसी वैध लाइसेंस के समाप्त हो जाने पर में बीमा कंपनी हुई हानि की ज़िम्मेदार नहीं होगी.
यह है पूरा मामला
दरअसल, मोटरसाइकिल पर सवार एक चालक सड़क पर वाहन से टकरा गया जिसके बाद उसे गंभीर चोटें आईं और परिणामस्वरूप, मोटर वाहन अधिनियम के तहत उसने 3 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की. जिसके बाद बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि उल्लंघन करने वाले वाहन के चालक के पास कोई लाइसेंस नहीं था हालांकि ट्रिब्यूनल ने यह नोट किया कि जारी किया गया लाइसेंस 1992 में एक हल्के मोटर वाहन के लिए और 1987 में एक ऑटो-रिक्शा के लिए था, जो 2008 में समाप्त हो गया था जबकि दुर्घटना 2009 में लाइसेंस की वैधता की समाप्ति से एक वर्ष से अधिक समय के बाद हुई थी.
लाइसेंस खत्म हो चुका है तो बीमा कंपनी नहीं है हानि की ज़िम्मेदार
सबूतों की जांच के बाद, ट्रिब्यूनल ने दावा याचिका दायर करने की तारीख से दावेदार को इसकी प्राप्ति तक 7.5% ब्याज के साथ 88,300 रुपये की राशि प्रदान की. जस्टिस छाया ने कहा कि मोटर वाहन कानून के अनुसार यह स्पष्ट था कि लाइसेंस समाप्त होने की स्थिति में 30 दिनों का लाभ दिया जाता है, लेकिन मौजूदा मामले में, एक वर्ष बीत चुका था और फिर भी इसे नवीनीकृत नहीं किया गया था.
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