Gujarat Morbi Cable Bridge Collapse: गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे का स्वत: संज्ञान लिया है. गृह विभाग, शहरी आवास, मोरबी नगर पालिका, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित राज्य सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने राज्य से एक सप्ताह के भीतर पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है. अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी. गुजरात हाई कोर्ट ने मोरबी दुर्घटना को लेकर आठ दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस के निर्णय के बाद सुओ मोटो दाखिल किया गया है. गुजरात हाई कोर्ट ने मोरबी जिला कलेक्टर को भी नोटिस जारी किया है.


135 लोगों की हुई थी मौत
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायलों का इलाज सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में कराया गया. ये हादसा उस वक्त हुआ जब लोग अपनी छुट्टियां मनाने और मौज मस्ती करने के लिए पुल पर आये थे. इस हादसे का वीडियो भी सामने आया था. इस वीडियो में देखा गया था कि, कुछ लोग पुल खड़े हैं और अचानक से पुल टूट जाता है और उसपर सवार सैकड़ों लोग नीचे नदी में गिर जाते हैं. इसके बाद कुछ लोग तैरकर अपनी जान बचाते हैं और कुछ लोग उसी पानी में डूब जाते हैं जिससे उसकी मौत हो जाती है. 


एफएसएल की रिपोर्ट ने चौंकाया
गुजरात के सरकारी वकील हरसेन्दु पांचाल ने मोरबी पुल गिरने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया था. एफएसएल की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वकील हरसेन्दु पांचाल कहा था, ठेकेदार ने केबल नहीं बदली थी, जंग लगी हुई केबल को सिर्फ पेंट किया गया था. उन्होंने केवल फ्लोरिंग बदली थी. बता दें, मोरबी पुल हादसे के बाद इसको लेकर राजनीति का माहौल भी गर्म है. विपक्ष गुजरात में बीजेपी को घेरने में लगा हुआ है.


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