Gujarat Holi 2022: पर्यावरण के अनुकूल होली मनाने का एक सराहनीय कदम, लकड़ी के लट्ठों की जगह गोबर की छड़ों से होगा होलिका दहन
Gujarat Holi 2022: पर्यावरण के अनुकूल होली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूरत पंजारापोल ट्रस्ट लकड़ी के लट्ठों की जगह गाय के गोबर से गोबर की छड़ें बना रहा है. जिससे प्रदूषण में कमी होगी
Gujarat Holi 2022: गुजरात में होली को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर है, ऐसे में एक शख्स का सराहनीय कदम सामने आया है. पर्यावरण के अनुकूल होली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सूरत पंजारापोल ट्रस्ट लकड़ी के लट्ठों की जगह गाय के गोबर से गोबर की छड़ें बना रहा है.
वनों की कटाई रोकने में मदद करेगा
With a view to promoting eco-friendly Holi, Surat Panjarapole Trust is making gobar sticks from cow dung, replacing wooden logs. "This will help in reducing pollution, preventing deforestation.Traditionally also gobar sticks were used for Holika Dahan," said Atul, General Manager pic.twitter.com/VdHB2fZbEY
— ANI (@ANI) March 16, 2022 " title="
With a view to promoting eco-friendly Holi, Surat Panjarapole Trust is making gobar sticks from cow dung, replacing wooden logs. "This will help in reducing pollution, preventing deforestation.Traditionally also gobar sticks were used for Holika Dahan," said Atul, General Manager pic.twitter.com/VdHB2fZbEY
— ANI (@ANI) March 16, 2022
सूरत पंजारापोल ट्रस्ट के महाप्रबंधक अतुल ने कहा कि यह प्रदूषण को कम करने, वनों की कटाई को रोकने में मदद करेगा. परंपरागत रूप से होलिका दहन के लिए गोबर की छड़ें भी इस्तेमाल की जाती थीं. बता दें कि होली 18 मार्च को है और इसके लिए देशभर में तैयारियां ज़ोरों पर है. साथ ही एक दिन पहले यानी 17 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा.
पिछले साल कोरोना के चलते लगे थे प्रतिबंध
इस साल जहां कोरोना का कहर कम होता दिख रहा है. वहीं पिछले साल कोरोना खतरे को देखते हुए गुजरात सरकार ने एक आदेश जारी किया था. गुजरात में होली के शुभ अवसर पर होलिका दहन करने की इजाजत थी, लेकिन होली खेलने के लिए सभी तरह आयोजन पर रोक लगा दी गई थी. होलिका दहन परंपरा का निर्वहन भी सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी में किया गया था और 29 मार्च को होली का त्योहार मनाया गया था.