Gujarat Hooch Tragedy: यहां की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को एएमओएस कंपनी के निदेशकों और एक प्रबंधक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कंपनी से चुराए गए लगभग 600 लीटर मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल अवैध शराब बनाने के लिए किया गया था, जिसके कारण जुलाई के अंतिम सप्ताह में बोटाद और अहमदाबाद जिले में कई लोगों की जान चली गई. समीर पटेल, तीन अन्य निदेशकों और एक प्रबंधक की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए, बोटाद सत्र न्यायाधीश कीर्तिदाबेन प्रजापति ने कहा, "जहरीली शराब त्रासदी की जांच एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में है, अगर आवेदकों को जमानत दी जाती है तो वे जांच में बाधा या छेड़छाड़ कर सकते हैं."
अभियोजन पक्ष ने दी ये दलील
विशेष लोक अभियोजक उत्पल दवे ने बताया कि अभियोजन पक्ष की दलील थी कि आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई गई है. उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, क्योंकि जहरीली मिथाइल अल्कोहल फैक्ट्री परिसर से निकाली गई थी. अभियोजन पक्ष ने प्रस्तुत किया कि यह निगरानी करना निदेशकों और प्रबंधकों का कर्तव्य और जिम्मेदारी है कि ऐसा रसायन चोरी ना हो.
जांच के लिए एसआईटी को किया गया है नियुक्त
कंपनी पर्यवेक्षकों में से एक जहरीली शराब त्रासदी में सरगना है, इसलिए उसके साथ निदेशकों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए अभियोजन पक्ष अग्रिम जमानत आवेदन का विरोध करता है और इसे अस्वीकार करने का अनुरोध करता है. जहरीली शराब की घटना के बाद, राज्य सरकार ने अपराध की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त किया है. इसकी अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक निर्लिप्त राय कर रहे हैं.
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