Gujarat Liquor News: बोटाद-अहमदाबाद शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या 41 हो चुकी है. विपक्षी दलों ने राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी के इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी शराबबंदी अधिनियम को सख्ती से लागू करने में विफल रही है. आम आदमी पार्टी (आप) के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने बोटाद के रोजिड गांव का दौरा किया, जहां कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई थी. इटालिया ने मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और सांघवी के इस्तीफे की मांग को लेकर बोटाद में बीजेपी जिला कार्यालय के बाहर धरना भी दिया.
क्या बोले आप के गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया?
इटालिया ने कहा, “बरवाला तालुका के लोगों ने मुझसे कहा कि यहां तैनात किसी भी ईमानदार पुलिस अधिकारी का जल्द ही तबादला कर दिया जाएगा. जब सत्ता में बैठे लोग अपने स्वार्थ के लिए कानून-व्यवस्था को कमजोर करने लगेंगे तो आम आदमी कैसे सुरक्षित महसूस करेगा? कहा जाता है कि गुजरात में शराबबंदी के बावजूद हर साल 10,000 करोड़ रुपये की शराब बिकती है. यह सारा पैसा कहां जा रहा है.”
क्या बोले गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर?
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने जहरीली शराब पीड़ितों से मुलाकात के बाद भावनगर में प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा, गुजरात के गांवों में ट्रक, ट्रैक्टर, चारपहिया, मोटरसाइकिल और साइकिल से शराब लाई जा रही है. मैं गुजरात के 'सुपर सीएम' सीआर पाटिल को अपने साथ इन गांवों का दौरा करने के लिए आमंत्रित करता हूं जहां टैंकरों में शराब लाई जा रही है. मैं आपको पुलिस की मदद से शराब के थोक कारोबार में शामिल लोगों के नाम भी बताऊंगा.”
NSUI ने फूंका संघवी का पुतला
इस बीच, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद में संघवी का पुतला फूंका, उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के सदस्यों ने गुजरात यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बाद में बुधवार शाम को, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें जहर त्रासदी पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की गई.
क्या बोले गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी?
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने भी राज्य सरकार की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और मौतों को "रासायनिक विषाक्तता" के कारण बताया. “जो लोग इस जहरीली शराब की त्रासदी को रासायनिक जहर की घटना बता रहे हैं, वे मृतक के परिवारों का अपमान कर रहे हैं. वे सोचते हैं कि गुजरात के लोग मूर्ख हैं, ”मेवाणी ने कहा.
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