Gujarat Illicit Liquor Case: 31 की मौत, 56 अस्पताल में भर्ती, गुजरात में जहरीली शराब का कहर
जहरीली शराब पीने से 56 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन लोगों को अहमदाबाद, भावनगर और अन्य जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. तीन जिलों के 16 अस्पतालों में ये मरीज भर्ती है.
Gujarat Illicit Liquor Case: गुजरात (Gujarat) में पिछले कई सालों से शराब बंदी है. ऐसे में वहां जहरीली शराब (Illicit Liquor) पीने से 31 लोगों की मौत की खबर है. गुजरात के बोटाद (Botad) जिले के बुटलेगर के ठेके पर शराब पीने से इन लोगों की मौत हुई है तो वहीं अभी भी अस्पताल में 30 लोग भर्ती हैं.
वहीं पुलिस ने इस मामले को जहरीली शराब कांड के नाम पर रजिस्टर करने से बच रही है. पूरी घटना को पुलिस ने केमिकल कांड करार दिया है. वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कांड को लेकर गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने शराबबंदी को खोखला बताते हुए उसे हटाने की मांग की है.
जहरीली शराब पीने से करीब 56 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन लोगों को गुजरात के अहमदाबाद, धंधुका, भावनगर, बरवाला जिले के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कुल मिला कर तीन जिले के 16 अस्पताल में ये मर्जी भर्ती हैं. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
कब, कहां और कैसे हुई ये घटना?
पूरे गुजरात को झकझोर करने वाली यह घटना सोमवार को घटी. इस कांड के आरोपी को अहमदाबाद के नजदीक पीपलज से गिरफ्तार किया गया था. मेथनॉल AMOS केमिकल कंपनी से खरीदा गया था. एटीएस की टीम ने इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.
बरवाला तालुका में हुई 29 मौतों में से रोजिंद में 9, पोलरपुर में 2, भीमनाथ में 1, चदरवा में 2, रणपुर में 1, देवगना में 3, रणपुरी में 1, कोरडा में 1, धंधुका तालुका में 9 लोगों की मौत हुई है. बोटाद हाईवे पर तड़के सुबह तक एंबुलेंस की आवजाही के सायरन बजते रहे थे. हेडक्वार्टर को विशेष ऑपरेशन के तहत दूसरे जिलों से एंबुलेंस बुलानी पड़ी थी. इसी एंबुलेंस के जरिए 87 मरीजों को अहमदाबाद-भावनगर और बोटाद ले जाया गया.
एक साथ 5 शवों का किया गया अंतिम संस्कार
आसपास के गांवों में महिलाओं और बच्चों की चीख पुकार से पूरा गांव गूंज उठा. गांव के श्मशान घाट में चिता जलाने के लिए सिर्फ दो ही चिताएं है इस वजह से कुछ लोगों का जमीन पर अंतिम संस्कार किया गया.
जहरीली शराब मामले में हुआ नया खुलासा
वहीं, जहरीली शराब मामले में नया खुलासा हुआ है. मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल होने की बात सामने आई है. गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के साथ गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की गई. इस बैठक में डीजीपी आशीष भाटिया, एडीजीपी नरसिम्हा कोमार मौजुद थे.
राज्य के डीजी आशीष भाटिया ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्य आरोपी जयेश से पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी जयेश ने 40 हजार में केमिकल बेचा था. सभी ने केमिकल और पानी का मिश्रण पिया. डीजी ने दावा किया कि जयेश जानता था कि मेथनॉल पीने से मौत होती है.
इतना ही नहीं मुख्य आरोपी ने अहमदाबाद स्थित अमोस केमिकल कंपनी से यह केमिकल चुराया था जिस के सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं. इसमें कुल 600 लीटर तरल था. जिसमें से 460 लीटर तरल जब्त किया गया है. इसका सैंपल लेकर एफएसएल भेजा गया. इसमें 99 प्रतिशत मिथाइल अल्कोहल पाया गया. मिथाइल अल्कोहल को पानी में मिला कर पिया गया था.
सरकार ने गठित की कमेटी
राज्य सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो कि पिछले 24 घंटे में जहरीली शराब पर रिपोर्ट देगी. इस कमेटी में सीआईडी के अध्यक्ष सुभाष त्रिवेदी (आईपीएस), एम. ए. गांधी (आईएएस) और एच.पी. संघवी को भी शामिल किया गया है.
सरपंच ने पहले ही पुलिस को दी थी शिकायत
जिस गांव मे जहरीली शराब के कारण 9 लोगों की मौत हुई है वहां एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. रोजीद गांव के सरपंच ने तीन महीने पहले ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन को पत्र लिखकर खुलेआम बिक रही शराब की शिकायत की थी. सरपंच ने पुलिस पर कोई भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था.
हादसे के बाद शुरू हो गई राजनीति
राजकोट में पहले से तय कार्यक्रम में पहुंचे आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने गुजरात की शराबबंदी को कागज पर अमल होने का आरोप लगाया. इतना ही नहीं वह जहरीली शराब के पीड़ितों से मुलाकात करने भी जाने वाले हैं.
बोटाद पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने दारु के व्यापार में 30 टका सरकार, 30 टका अधिकारी और 40 टका बुटलेगर की भागीदार का आरोप लगाया. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी को दारु के धंधा करने वालों से चुनावी फंड भी मिल रहा है.
विपक्षी पार्टियों ने की दारूबंदी खत्म करने की मांग
भारतीय ट्राइबल पार्टी (Indian Tribal Party) के एमएलए महेश वसावा भी बोटाद (Botad) के रोजीद पहुंचे और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का इस्तीफा मांगा. गुजरात के पूर्व सीएम ने सिर्फ कागज पर शराब बंदी किये जाने के आरोप लगाए. गुजरात में जहरीली शराब के बाद देसी दारू का गैर कानूनी व्यापार खुलेआम हो रहा है.
राजकोट (Rajkot) और सूरत (Surat) में एबीपी अस्मिता के कैमरे में देसी दारु की भठ्ठीयां कैद हो गई. देसी दारु की भट्ठी पुलिस प्रशासन को तब तक नजर नहीं आती जब तक मीडिया उसको दिखाती नहीं इतना ही नहीं अहमदाबाद (Ahmedabad) के तापी और अनेक शहरों और गांवों में ये काम हो रहा है.