Gujarat: विधानसभा के चालू बजट सत्र में मंगलवार को कई सवालों के जवाब में एमबीबीएस डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई. जिसके मुताबिक 2020 और 2021 में सरकारी अस्पतालों में 1,879 एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त किए गए, जिनमें से 1,271 ने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं किया.


68 फीसद डॉक्टर्स ड्यूटी पर नहीं आए


राज्य सरकार को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन के बाद सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने में विफल रहने वाले डॉक्टरों से बांड भुगतान के रूप में 3815 करोड़ रुपये की राशि वसूल करनी है. इसका मतलब यह हुआ कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों से स्नातक करने वाले 68 फीसदी डॉक्टर दो साल में सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर नहीं आए.


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सबसे ज़्यादा दाहोद ज़िले से


इनमें से सबसे ज्यादा डॉक्टर दाहोद जिले में तैनात थे. सरकार ने आंकड़े उपलब्ध कराते हुए कहा कि दाहोद में 392 डॉक्टर तैनात थे, जिनमें से 323 ने ड्यूटी ज्वाइन करने से इनकार कर दिया. इसी तरह छोटा उदेपुर जिले में सरकार ने 270 डॉक्टरों को तैनात किया, जिनमें से 176 ने ड्यूटी पर रिपोर्ट नहीं किया.


साथ ही गुजरात में सरकारी स्कूलों के टीचर्स की अनुपस्थिति को लेकर चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सरकारी स्कूलों के 350 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक 2015 और 2020 के बीच बिना सरकार को बताए ड्यूटी से गायब पाए गए,  गुजरात विधानसभा को मंगलवार को सूचित किया गया.


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