Symptoms of Lumpy Skin Disease: गुजरात में लम्पी त्वचा रोग के कारण कुल 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकतर गाय और भैंस हैं. राज्य के कृषि और पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने यह जानकारी दी. सरकार की ओर से रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में मंत्री के हवाले से बताया गया कि 14 जिलों में, वायरस से फैलने वाली इस बीमारी के मामले पाए गए हैं और 37,000 से अधिक संक्रमित पशुओं का इलाज किया गया है. इसमें बताया गया कि बीमारी को फैलने से रोकने के लिए 2.68 लाख पशुओं को टीका लगाया गया है.
उठाये गए उचित कदम
पटेल ने कहा कि राज्य में इस बीमारी का पहला मामला सामने आने के बाद इसे काबू करने के उद्देश्य से उचित व्यवस्था करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की गई थी. उन्होंने कहा कि बीमारी को नियंत्रित कर लिया गया है. बहरहाल, पटेल ने नहीं बताया कि पहला मामला कब सामने आया था. लम्पी त्वचा रोग एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैयों के कारण फैलती है. यह मवेशियों के सीधे संपर्क में आने और दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलती है.
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क्या है लम्पी त्वचा रोग के लक्षण
विज्ञप्ति में बताया गया है कि जानवरों में बुखार आना, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, पूरे शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना, दूध उत्पादन में कमी आना और भोजन करने में कठिनाई इस बीमारी के लक्षण हैं. गुजरात के 14 जिलों - कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका, राजकोट, पोरबंदर, मोरबी, सुरेंद्रनगर, अमरेली, भावनगर, बोटाद, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बनासकांठा और सूरत में इसके मामले पाए गए हैं.
कितने पशुओं का किया गया इलाज
पटेल ने कहा, ‘‘880 गांवों में इस बीमारी के मामले पाए गए हैं और 37,121 पशुओं का इलाज किया गया है.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘तालुका स्तर की महामारी विज्ञान रिपोर्ट के अनुसार, लम्पी त्वचा रोग के कारण अब तक 999 मवेशियों की मौत हो चुकी है.’’
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