Gujarat: कांग्रेस MP गेनीबेन ठाकोर ने की OBC आरक्षण को विभाजित करने की मांग, मंत्री ने दिया ये जवाब
Gujarat Politics: कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर ने ओबीसी आरक्षण को विभाजित करने की मांग की थी. इसपर मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी, तब मुद्दा क्यों नहीं उठाया?
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Gujarat Politics News: गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर की अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण को विभाजित करने की मांग की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी सत्ता हासिल करने के लिए समाज को बांटने की कोशिश कर रही है. विश्वकर्मा स्वयं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी कांग्रेस के अन्य नेताओं को फूट डालो और राज करो की चाल सिखा रहे हैं.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) राज्य मंत्री विश्वकर्मा ने गांधीनगर में मीडिया से बातचीत में कहा कि जब कांग्रेस केंद्र में सत्ता में थी, तब गेनीबेन ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया? कांग्रेस इसे उन राज्यों में क्यों नहीं लागू कर रही है, जहां वह सत्ता में है? गेनीबेन से लेकर राहुल गांधी तक, कांग्रेस के सभी नेता सत्ता हासिल करने के लिए समाज को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं. विश्वकर्मा ने कहा कि अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति की तरह ही राहुल गांधी भी इसी नीति में विश्वास करते हैं और अपने विदेशी खून के कारण वह इसे अन्य पार्टी नेताओं को सिखा रहे हैं.
ओबीसी आरक्षण को विभाजित करना जरूरी- गेनीबेन ठाकोर
लोकसभा में गुजरात की बनासकांठा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली गेनीबेन ठाकोर ने हाल में कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लिए मौजूदा 27 प्रतिशत आरक्षण को दो भागों में विभाजित किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 17 सितंबर को लिखे एक पत्र में ठाकोर ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को विभाजित करना जरूरी है, क्योंकि गुजरात में कुल 146 पिछड़ी जातियों में से केवल पांच से 10 जातियों को अधिकांश लाभ मिल रहे हैं, जबकि अन्य ‘अत्यधिक पिछड़ी जातियों’ को केवल एक या दो प्रतिशत लाभ मिले हैं.
ठाकोर ने दावा किया कि ठाकोर, कोली, वादी, दबगर, खरवा, मदारी, नट, सलात, वंजारा, धोबी, मोची और वाघरी को आरक्षण का वांछित लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि असमानता को समाप्त करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को दो भागों में विभाजित किया जाना चाहिए- अब तक सबसे अधिक लाभ प्राप्त करने वालों के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण तथा अत्यंत पिछड़े समुदायों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण.
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