Morbi Bridge Collapse: मोरबी में जिंदगी की जंग जारी, 6.30 बजे टूटा पुल, 16 मिनट बाद पहुंची रेस्क्यू टीम और 11 बजे सीएम, जानें अब तक के अपडेट
Morbi News: मोरबी में बी डिवीजन पुलिस इंस्पेक्टर प्रकाशभाई देकावड़िया द्वारा पुल के रखरखाव और एमजीएमटी एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
Morbi Camble Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार को बड़ा पुल हादसा हो गया है. एक झूला पुल के टूट जाने से 134 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं. घायलों का इलाज मोरबी सिविल अस्पताल में चल रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार पीएम मोदी ने घटना के संबंध में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात भी की है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और हर संभव मदद की जा रही है.’’
कब हुआ हादसा?
अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी. उन्होंने बताया कि पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेजों के समय के ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ पर उस समय कई महिलाएं और बच्चे थे, जब वह टूट गया. इससे लोग नीचे पानी में गिर गए.
मौके पर कितने बजे पहुंचे सीएम भूपेंद्र पटेल?
मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल करीब 11 बजे मौके पर पहुंचे. मौके पर पहुंचने के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल ने वहां मौजदू अधिकारियों से बातचीत कर घटना के संबंध में जानकारी ली और घटनास्थल का जायजा लिया. हादसे में लोगों की मृत्यु पर शोक जताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
मौके पर कब पहुंची बचाव टीम?
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि हादसे के बाद से घटनास्थल पर नौसेना, सेना, NDRFऔर SDRF की टीमें राहत और बचाव के काम में जुटी हुई हैं. उन्होंने बताया कि यह हादसा रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे हुई. उन्होंने बताया कि हादसे के करीब 16 मिनट बाद ही प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई थीं. सांघवी ने बताया कि राहत और बचाव के काम में मोरबी के स्थानीय लोगों ने भी साथ दिया.
क्या बोले भारतीय सेना के मेजर
भारतीय सेना के मेजर गौरव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ''राहत-बचाव का काम अब भी जारी है. रात में करीब 3 बजे भारतीय सेना यहां पहुंची. हम शवों को बरामद करने की कोशिश कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीमें भी बचाव कार्य में लगी हुई हैं.'' राजकोट के जिला कलेक्टर अरुण महेश बाबू ने बताया, ''एसडीआरएफ की दो टीमें यहां हैं, एनडीआरएफ की एक स्थानीय टीम और दूसरी बड़ोदा की टीम यहां है. सेना, वायुसेना, फायर डिपार्टमेंट और नगर पालिका की टीमें यहां हैं. इनका तालमेल अच्छा है.''
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