Morbi Cable Bridge Collapse: मोरबी हादसे से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. ओरेवा कंपनी ने पुल की रिपेयरिंग के लिए 2 करोड़ नहीं, बल्कि 28 लाख रुपये ही खर्च किये थे. सिर्फ फ्लोरिंग की रिपेयरिंग की गई थी. केबल नहीं बदला गया था. जांच अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर रिमांड के वक्त सरकारी वकील ने अदालत के सामने रखी थी ये बात. बता दें, मोरबी के पुल हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. घायलों का इलाज अभी भी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है.


पुलिस ने दर्ज कराया अपना बयान
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे को लेकर पुलिस (Morbi Police) ने स्थानीय अदालत में अपना बयान दर्ज कराया है. इस मामले में जांच अधिकारी और मोरबी के पुलिस उपाधीक्षक पीए जाला ने मंगलवार (1 नवंबर) को अदालत में कहा कि, झूलता पुल के तार जंग खा गए थे और उनकी मरम्मत की जाती को तो यह हादसा नहीं होता. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, डीएसपी जाला ने गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से चार की 10 दिन की रिमांड मांगी है.


कोर्ट रूम में कही ये बात
उन्होंने कोर्ट रूम में कहा, ''गांधीनगर से आई एक टीम की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट के अनुसार, पुल पर कितने लोग मौजूद हों, इस क्षमता को निर्धारित किए बिना और बगैर सरकार की मंजूरी के पुल 26 अक्टूबर को खोल दिया गया था. रखरखाव और मरम्मत के हिस्से के रूप में कोई जीवन रक्षक उपकरण या लाइफगार्ड तैनात नहीं किए गए थे. केवल प्लेटफॉर्म (डेक) बदला गया था. कोई अन्य काम नहीं किया गया था.''


पीड़ितों को मिली आर्थिक सहायता
कल पीएम मोदी मोरबी गए थे. पीएम मोदी ने मोरबी के अस्पतालों में पीड़ितों से मुलाकत की थी और परिजनों को ढांढस बंधाया था. मोरबी पुल हादसे के मृतक और घायलों के परिजनों को आर्थिक सहायता दी है. गुजरात सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवारों को 4 लाख रुपये और पीएमएनआरएफ से प्रत्येक को 2 लाख रुपये, प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी है.


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