मुस्लिम महिला को CM आवास योजना के तहत हाउसिंग सोसायटी में मिला फ्लैट, लोगों ने किया विरोध
Gujarat News: गुजरात के वडोदरा शहर में एक महिला को सरकारी योजना के तहत फ्लैट आवंटित हुआ. लेकिन, इसका विरोध वहां रह रहे लोगों ने करना शुरू कर दिया. इसकी वजह बेहद हैरान करने वाली है.
Gujarat Latest News: गुजरात के वडोदरा (Vadodara) में धर्म के आधार पर भेदभाव करने का गंभीर मामला सामने आया है. यहां उद्यमशीलता एवं कौशल विकास मंत्रालय में काम कर रही मुस्लिम महिला (44) को वडोदरा नगर निगम की निम्न आय ग्रुप वाले हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में फ्लैट अलॉट किया गया था. उन्होंने हरनी इलाके में मुख्यमंत्री आवास योजना (Mukhyamantri Awas Yojana) के तहत 2017 में मिला था. वह अपने नाबालिग बेटे के साथ वहां शिफ्ट होने वाली थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब वह उस फ्लैट में शिफ्ट होने वाली थीं तभी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के 33 निवासियों ने जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत दी और मुस्लिम महिला के परिसर में इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जब वह उस फ्लैट में शिफ्ट होने वाली थीं तभी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के 33 निवासियों ने जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत दी और मुस्लिम महिला के परिसर में रहने पर आपत्ति जताई है. शिकायत करने वाले लोगों ने कहा कि मुस्लिम महिला के रहने से उन्हें खतरा होगा.
सीएम कार्यालय तक लोगों ने कर दी शिकायत
वडोदरा नगर निगम के उपायुक्त अर्पित सागर और एग्जिक्यूटिव इंजीनियर नीलेश कुमार परवार ने इस मामले में कुछ कहने से इनकार कर दिया है. उधर, मुस्लिम महिला का कहना है कि उसका 2020 में सबसे पहले विरोध किया गया था जब फ्लैट के निवासियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में चिट्ठी लिखी. उन्होंने मांग की कि अलॉटमेंट को अवैध घोषित कर दिया जाए. हालांकि हरनी पुलिस थाना ने सभी पक्षों का बयान रिकॉर्ड किया और मामले को बंद कर दिया. हालांकि इस वर्ष 10 जून से फिर से मुस्लिम महिला का विरोध शुरू हो गया.
भेदभाव से मेरे बेटे पर पड़ेगा असर - पीड़ित महिला
पीड़ित महिला ने बताया, ''मैं वडोदरा में ऐसे इलाके में रही हूं जहां हर धर्म के लोग रहते हैं. मैं हमेशा से चाहती थी कि मेरा बच्चा एक समावेशी इलाके में रहे लेकिन मेरा सपना तब टूट गया क्योंकि इस बात को छह साल हो चुके हैं और अभी तक मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. मेरा बेटा अब 12वीं क्लास में पढ़ता है और वह अब चीजों को समझ सकता है. यह भेदभाव मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रभावित करेगा.''
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