Gujarat: जल्द हो सकती है नरहरि अमीन की फिर से गुजरात की राजनीति में वापसी, जानें क्यों तेज हुई ये चर्चा
Gujarat: नरहरि अमीन की गुजरात यात्रा में मौजूदगी को लेकर जोरदार चर्चा है कि पाटीदार नेता की राजनीतिक वापसी जल्द हो सकती है. आइए बताते हैं कि कौन हैं नरहरि अमीन और क्या है इनका गुजरात की राजनीति में कद
Gujarat: पीएम मोदी की हालिया गुजरात यात्रा के दौरान नरहरि अमीन की मौजूदगी को देखते हुए, इस बात की जोरदार चर्चा है कि पाटीदार नेता की राजनीतिक वापसी जल्द हो सकती है. अमीन के राजनीति में लौटने के बारे में अटकलें तभी से लग रही हैं जब से पीएम मोदी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को अपनी गुजरात यात्रा के दौरान अपने बगल में बैठाया था.
अब नरहरि अमीन की वापसी पर गुजरात बीजेपी में उनको क्या भूमिका दी जाती है यह तो समय ही बताएगा, फिलहाल आपको बताते हैं कि कौन हैं नरहरि अमीन और क्या रहा है इनका गुजरात की राजनीति में कद?
दिसंबर 2012 में बीजेपी में हुए शामिल
नरहरि अमीन का जन्म 5 जून 1955 को गुजरात में हुआ था. वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं. गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दिसंबर 2012 में छोड़ दी थी क्योंकि उनको पार्टी ने राज्य विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था. इसके बाद 6 दिसंबर 2012 को, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
कैसा रहा राजनीतिक करियर?
अमीन ने 1990 में जनता दल के टिकट पर साबरमती से बीजेपी के नटवर पटेल को 9444 मतों से हराकर विधानसभा चुनाव जीता था. इसके बाद अमीन 1995 और 1998 में बीजेपी के यतिन ओझा से 21000 से अधिक मतों से लगातार दो चुनाव हार गए. 2001 में एक उपचुनाव में, अमीन ने तब बीजेपी के बाबू पटेल को 18000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. बीजेपी के मौजूदा विधायक यतिनभाई ओझा के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हुई थी.
2002 के चुनाव में उन्हें फिर से बीजेपी के जितेंद्र पटेल से 59190 मतों के भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा. उनकी आखिरी चुनावी हार 2007 में हुई थी, जब वे कांग्रेस के युवा टर्नकोट देवसिंह चौहान से हार गए थे, जिन्होंने उन्हें 7799 वोटों से हराया था. दिसंबर 2012 के राज्य विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें टिकट नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली.
इसके बाद 29 अक्टूबर 2013 को उन्हें गुजरात के योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया. वह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष भी थे. वह अहमदाबाद के हीरामनी स्कूल के निदेशक भी हैं. 2020 में उन्हें गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया.